जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री राजेश रंजन “पप्पू” ने कहा कि एक तरफ जहां कोरोना महामारी से लोगो मे डर का वातावरण है, लॉक डाउन भी है लेकिन सत्ता के हवसी सत्तारूढ़ दल के नेता डिजिटल रैली करने से बाज नही आ रहे हैं। गांव गांव में एलसीडी लगाकर भीड़ जुटाकर जदयू के नेताओ के रैलियों को दिखाया जा रहा है,अस्पताल में जाँच की व्यवस्था नही है, सदर अस्पताल के मरीजो को भी पटना रेफर किया जा रहा है,पूरे देश मे जाँच के मामले में बिहार सबसे पिछड़ा राज्य हैं, सरकार खुद को कोरंटिन कर लिया है,बाढ़ ओर कोरोना से पब्लिक में भय का वातावरण है सरकार बिहारियो के जान को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर नही दिख रही है। करोङो रुपये डिजिटल रैली पर खर्च करने के बजाए जनता की जरूरतों में खर्च होता तो बिहार एक कदम ही सही दुनिया के बराबरी के तरफ बढ़ता। आम जनता की पीड़ा के सुनने के बाजए नेता डिजिटल रैली कर अपनी बात सुनाने में लगे हुए हैं।
डिजिटल रैली कर सत्तारूढ़ दल के नेता अपनी अपनी गलतियों को छुपाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। श्री राजेश रंजन ने यह भी कहा कि लॉक डाउन करने से कोरोना खत्म नही होगा,जाँच की संख्या जबतक नही बढ़ेगी लॉकडाउन कितने भी दिन कर दिया जाए कोई फायदा नही होगा। लॉक डाउन से पुलिसिया जुल्म तो बढ़ा ही है, रोज कमाने खाने वाले दिहाड़ी मजदूर की जिंदगी बदत्तर होती जा रही है। डिजिटल रैली के माध्यम से जनता के मूल जरूरतों से ध्यान भटकाकर जदयू के नेता जनता के जख्म पर नमक रगड़ने का काम कर रहे हैं।
कौशलेन्द्र पाण्डेय.