पुरे विश्व मे कोरोना महामारी का संक्रमण फैला हुआ है। भारत मे भी कोरोना ने अपना पैर पसार लिया है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। वर्तमान परिपेक्ष्य में विभिन्न प्रजाति के जीव जंतु, प्राकृतिक स्रोत और वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा कि इन सबके पीछे क्या वजहें हैं? बढ़ती जनसंख्या, बढ़ता प्रदूषण, नष्ट होता पर्यावरण, प्रकृति और पर्यावरण का दोहन. ऐसे तमाम कारण हैं, जिनकी वजह से धरती पर जीवन का खतरा उत्पन्न हो रहा है, प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं। प्रकृति के प्रति जिम्मेदारियों और जवाबदेहियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है।
प्रकृति की हिफाजत करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। क्योंकि इसी से जीवन की डोर भी जुड़ी होती है। इस जिम्मेदारी को हम सबको समझना चाहिए। लुधियाना पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल और उनकी टीम भी अपनी जिमेदारी बखूबी निभा रहे है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर लुधियाना पुलिस कमिश्नर के द्वारा विभिन्न पुलिस स्टेशनो मे भिन्न-भिन्न प्रकार के पौधे लगकर विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया गया। श्री राकेश अग्रवाल ने बताया स्वस्थ वातावरण और स्थिर मन के लिए हमे हरे भरे समाज की नीव रखनी होगी जिसके लिए पेड़ पौधें लगना जरूरी है। लुधियाना पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल के द्वारा पुलिस लाईन और जिले के सभी थानो मे गिलोय, नीम, तुलसी और अन्य किस्मो के करीब 1000 पौधे लगाए गए। पुलिस कमिश्नर ने बताया हम सभी को अपने दैनिक जीवन मे जीने के लिए प्राकृतिक संसाधनों जैसे हवा, पानी, मिट्टी, खनिज, पेड़, जानवर, भोजन, और गैस पर निर्भर रहना पड़ता है। हमें इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए और उसका संरक्षण करते रहना चाहिए।
निखिल की रिपोर्ट.