वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने पहली बार राम जन्मभूमि के निर्माण से पहले अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 में नियति ने उन्हें सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा के रूप में एक पवित्र जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया था। आगे वह कहते हैं कि इस यात्रा ने इसमें शामिल हुए अनगिनत प्रतिभागियों की आकांक्षाओं, जुनून और ऊर्जा को शांत करने में मदद की थी।
यही नहीं, आडवाणी ने यह भी कहा कि – कई बार महत्वपूर्ण स्वप्न साकार होने में समय लेते हैं, लेकिन जब वे साकार होते हैं तो इंतजार सार्थक हो जाता है। ऐसा ही एक स्वप्न जो मेरे हृदय के समीप है, साकार होने जा रहा है। प्रधानमंत्री राम मंदिर की स्थापना करने जा रहे हैं। यह न केवल मेरे लिए बल्कि सभी भीरतीयों के लिए एतिहासिक और भावुक दिन है।
लाल कृष्ण आडवाणी यहीं नहीं रूके और कहते हैं कि श्रीराम का भारत की सांस्कृतिक और सभ्यता की विरासत में अहम स्थान है और वह अनुग्रह, गरिमा और अलंकरण के प्रतीक हैं।
बता दें कि वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि – मेरा विश्वास है कि अयोध्या में बनने वाला यह राम मंदिर सभी भारतीयों को भगवान श्रीराम के गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा।
बताते चलें कि आडवाणी ने आगे यह भी कहा कि – ‘मेरा विश्वास है कि राम मंदिर भारत का एक मजबूत, समृद्ध, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा जहां सभी को न्याय मिल सकेगा और किसी को भी समाज और व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाएगा, ताकि हम वास्तव में राम राज्य में सुशासन के प्रतीक बन सके।’
प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट.