उच्चतम न्यायालय ने आखीरकार मान ही ली कि बॉलीवुड के ऊभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए। वहीं, केंद्र ने भी न्यायालय को सूचित कर दिया कि उसने इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है।
इसी के साथ न्यायमूर्ति ऋषिकेष राय की एकल पीठ ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार के साथ ही सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह को निर्देश दे दिया है कि वह अभिनेत्री रिया चक्रवती की याचिका पर तीन दिन के अंदर जवाब दाखिल करें।
और तो और रिया चक्रवर्ती ने सुशांत के पिता द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में 24 जुलाई को दर्ज कराई गई प्राथमिकी मुंबई पुलिस के पास भेजने का अनुरोध करते हुए न्यायालय में याचिका भी दायर कर दी है। बता दें इस प्राथमिकी में रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।
गौरतलब है कि अदालत ने रिया की याचिका अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करते हुए मुंबई पुलिस को राजपूत की मृत्यु के मामले में अब तक की जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का साफ निर्देश दे दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून, 2020 को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने घर में मृत पाए गए थे और इसके बाद से ही मुंबई पुलिस विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसकी जांच कर रही है।
इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित कर दिया है कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश उसने स्वीकार कर ली है।
इन सबके बीच पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए साफ कहा कि – ‘रिया चक्रवर्ती की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार जवाब दाखिल करे और जहां तक इस कलाकार की मृत्यु का सवाल है तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।’
आगे पीठ ने कहा कि – ‘इस मामले में एक विलक्षण प्रतिभा वाले कलाकार का निधन हुआ है।’ पीठ यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि उसके समक्ष उठाया गया बुनियादी मुद्दा यह है कि इस मामले की जांच का किस पुलिस को अधिकार है।
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार वालों के साथ उनके लाखों फैंन्स को बस उस दिन का इंतज़ार है जब सुशांत आत्महत्या मामले का कड़वा सच सबके सामने आएगा और दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा।
प्रिया की रिपोर्ट.