टीपीएस कॉलेज पटना में चल रहा पांच दिवसीय “स्टूडेंट्स डेवलपमेंट प्रोग्राम” आज संपन्न हो गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन आज पटना विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग के अध्यक्ष और पर्यावरणविद प्रो एम. पी. त्रिवेदी ने “भारत में पर्यावरण की समस्या” विषय पर अपना व्याख्यान दिया।प्रो. त्रिवेदी ने देश में पर्यावरण की गंभीर स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ की संख्या मात्र 26 है जबकि कई देशों में यह प्रति व्यक्ति 4 हजार से अधिक है। वायु, जल ,अग्नि एवं मुर्दा प्रदूषण के कारण आज हमारा इको संतुलन तेजी से बिगड़ता जा रहा है और हम कई गंभीर समस्याओं की ओर बढ़ रहे हैं। जल संकट के लिए विकास की अंधी दौड़ को जिम्मेवार मानते हुए उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा औद्योगिक डिस्चार्ज उत्तर प्रदेश और सबसे अधिक सीवेज डिस्चार्ज पश्चिम बंगाल से गंगा को प्रदूषित करता है प्रो. त्रिवेदी ने दिन-प्रतिदिन घटती जैवविविधता पर चिंता व्यक्त करते हुए छात्र-छात्राओं का आवाहन किया कि वह पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दें। कार्यक्रम के शुरू में इस कार्यक्रम की आयोजक और आई.क्यू.ए.सी. की समन्वयक प्रोफेसर रूपम ने विस्तार से पांचों दिन हुए व्याख्यानों की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य और राज्य के बाहर के अतिथि विशेषज्ञों ने साहित्य, विज्ञान,दर्शन, समाजशास्त्र और पर्यावरण के क्षेत्र में उच्च स्तरीय ज्ञानवर्धन कराया हैं। कुल 644 छात्र-छात्राओं ने बाजापता पंजीकरण कराकर कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रोफेसर अंजलि ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय कराया। अध्यक्षीय भाषण देते हुए प्रो. श्यामल किशोर ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से छात्र ना केवल नई बात सीखते हैं बल्कि उसे अपनी जिंदगी में उतारते भी हैं ।पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है ।प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं करते हुए पर्यावरण की सुरक्षा मानव समाज का लक्ष्य होना चाहिए ।उन्होंने कहा कि आज यह कार्यक्रम “बिहार पृथ्वी दिवस” को समर्पित है। कार्यक्रम का संचालन डॉ उदय कुमार, अध्यक्ष, भूगोल विभाग ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योतसना कुमारी ने किया। कार्यक्रम में 70% उपस्थिति के साथ शामिल प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिया गया। इस अवसर पर प्रो.अबू बकर रिज़वी, डॉ. विनय भूषण, प्रो. हेमलता सिंह, डॉ. जावेद अख्तर खां, प्रो. नवेंदु शेखर प्रो. धनराज राम, प्रो. नूतन, प्रो. शिवम यादव, प्रो. शशि प्रभा दुबे भी मौजूद थे.