प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की और साथ ही कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की। इस खास बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित हैं। वहीं, कोरोना महामारी ने जब से भारत में कदम रखा है तब से लेकर प्रधानमंत्री की राज्यों के साथ यह सातवीं बैठक है।
दूसरी ओर, वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शुरू हुई इस बैठक में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हैं। और तो और यह बैठक इसलिए भी महत्व रखती है कि यह सभी राज्य ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले हैं और इनमें कोरोना संक्रमित लोगों की अच्छी खासी तादाद है।
बता दें कि इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी राज्य कोविड-19 की वजह से उपजे चुनौतीपूर्ण हालातों से जंग लड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर इस महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए हर राज्य की भूमिका बेहद अहम है, कोरोना से लड़ने में सबका जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अब जांच, रिकवरी रेट बढ़ाने की रणनीति पर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने आगे यह भी कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग सही दिशा में है। कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 72 घंटे के आसपास की रणनीति पर काम करना होगा। और तो और उन्होंने आगे यह भी कहा कि 72 घंटे में संक्रमण की पहचान जरूरी है। प्रधानमंत्री यहीं नहीं रूके और आगे उन्होंने कहा कि देश के 80 फीसदी सक्रिय मामले 10 राज्यों में हैं, इन राज्यों में कोरोना को हराने से देश यह जंग जीत जाएगा।
प्रधानमंत्री की मानें तो जिन राज्यों में कोरोना की जांच की दर कम है और जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है, वहां जांच की क्षमता बढ़ाने की जरूरत सामने आ गई है। खासतौर पर बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में जांच बढ़ाने पर खास बल देने की बात इस समीक्षा में निकली है।
अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दावा कब तक पूरा होता है और हमें कोरोना से छुटकारा कब मिलता है।
प्रिया की रिपोर्ट.