कोरोना संकट के कारण दुनिया की मजबूत से मजबूत अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो गई है. भारतीय अर्थव्यवस्था भी लॉकडाउन के कारण ठप हुई कारोबारी गतिविधियों के कारण खस्ताहाल हो गई है. दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियों की ओर से आशंका जताई जा रही है कि वैश्विक महामारी के कारण भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 3 से 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस साल विकास दर में गिरावट की पूरी आशंका है. अब इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने आशंका जताई है कि कोरोना संकट के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक रफ्तार आजादी के बाद सबसे खराब दौर से गुजरेगी.हर कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की मिले छूट’.नारायणमूर्ति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने के उपाय करना बेहद जरूरी है. उन्होंने आशंका जताई कि इस बार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दिखने को मिल सकती है. उन्होंने ऐसी नई प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में हर कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की छूट मिले. उन्होंने कहा, ‘भारत की GDP में कम से कम 5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है. आशंका है कि हम आजादी के बाद की सबसे बुरी गिरावट देख सकते हैं.’ग्लोबल जीडीपी में 5 से 10 फीसदी तक संकुचन की आशंका.इंफोसिस के संस्थापक ने कहा कि ग्लोबल जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई है. वैश्विक व्यापार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में ग्लोबल जीडीपी में 5 से 10 फीसदी तक संकुचन होने का अनुमान है. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन के पहले दिन से ही साफ हो गया था कि लोगों को कोरोना वायरस के साथ जीने के लिये तैयार होना होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी कोई दवा नहीं है और अर्थव्यवस्था को रोका नहीं जा सकता है.’ उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से सबसे पहले कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद है. यह वैक्सीन देश में 6 से 9 माह के भीतर ही उपलब्ध हो पाएगा.हालात से निपटने को नया सिस्टम डेवलप करने पर दिया जोर.मूर्ति ने कहा कि अगर हम रोज एक करोड़ लोगों को भी वैक्सीन लगाते हैं, तब भी हर भारतीय के टीकाकरण में 140 दिन लग जाएंगे. ऐसी स्थिति में हम अर्थव्यवस्था को बंद नहीं कर सकते हैं. कुल मिलाकर 14 करोड़ कर्मचारी इस वायरस से प्रभावित हो चुके हैं. इसलिये समझदारी इसी में है कि एक नई सामान्य स्थिति को परिभाषित किया जाए. नारायण मूर्ति ने मौजूदा स्थिति से निपटने के लिये एक नई प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वैक्सीन तैयार हो जाने की स्थिति में हर व्यक्ति को टीका लगाने के लिये स्वास्थ्य ढांचा खड़ा किया जाना चाहिए. इसके साथ ही नए वायरस के इलाज की दिशा में अभी से काम होना चाहिए।
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.