राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार ने विधानसभा मेविश्वासमत हासिल करने के प्रस्ताव पेश कर दिया है. प्रदेश सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने प्रस्ताव पेश किया. अब अगले तीन घंटे तक इस प्रस्ताव पर बहस होगी. इससे पहले, शांति धारीवाल ने कहा कि विश्वासमत का प्रस्ताव पेश करने की पूरी तैयारी है. रघु शर्मा ने कहा था कि बहुमत को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त है. दूसरी तरफ, बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी. वहीं, विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए सचिन पायलट के साथ ही कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेता और मंत्री सदन पहुंचे. इस बीच, दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.वहीं राजस्थान विधानसभा में सचिन पायलट ने कहा, ‘आज मैं सदन में आया तो देखा कि मेरी सीट पीछे रखी गई है. मैं आखिरी कतार में बैठा हूं. मैं राजस्थान से आता हूं, जो कि पाकिस्तान बॉर्डर पर है. बॉर्डर पर सबसे मजबूत सिपाही तैनात रहता है. मैं जब तक यहां बैठा हूं, सरकार सुरक्षित है.’इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने 6 विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है. यहां यह जानना दिलचस्प है कि बसपा के सभी 6 विधायक पहले ही दल बदल कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. बसपा ने इसकी संवैधानिकता को कोर्ट में चुनौती भी दी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत किसी राज्य की इकाई को विलय करने का अधिकार नहीं है. गलत नियम के अनुसार यह फैसला किया गया है. हमने संविधान की रक्षा के लिए यह व्हिप जारी किया है. स्पीकर महोदय हमारे इस फैसले का सम्मान करें और व्हिप को लागू करवाएं. दूसरी तरफ, बसपा (BSP) के सांसद मलूक नागर ने सचिन पायलट को शेर बताया है. उन्होंने कहा कि पायलट आने वाले समय में दोबारा से हमला करेंगे और राजस्थान का मुख्मंत्री बनेंगे. बिजनौर से बसपा सांसद ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगााते हुए कहा कि अशोक गहलोत को अपना कार्यकाल पूरा करने नहीं देंगे. इनको हटाना ही होगा. उन्होंने कहा कि शेर मौके की तलाश में रहता है. उन्होंने जल्द ही बड़ी उठापटक होने की संभावना व्यक्त की.बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार कई मुद्दों पर जूझ रही है. उनके विश्वास प्रस्ताव लाने की उम्मीद है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पार्टी ने पूरी तैयारी कर रखी है. उन्होंने कहा कि सरकार एक महीने से बाड़े में बंद है. प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाओं की अनदेखी की जा रही है. ये सरकार विरोधाभास की सरकार है.प्रदेश में जब कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच जंग छिड़ी हुई थी और दोनों का टकराव चरम पर था, तब बीजेपी नेतृत्व ने अपनी पार्टी के विधायकों को बाड़ेबंदी के लिए बुलाया था. इस पर कई विधायकों ने ना-नुकर की तो संदेह गहरा गया था कि बीजेपी के कुछ नेता सरकार गिराने के पक्ष में नहीं हैं. यहां तक कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरएलपी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने तो यहां तक कह दिया था कि वसुंधरा राजे गहलोत सरकार को नहीं गिराना चाहती. उसके बाद बवाल मच गया था.कैलाश मेघवाल के बयान ने मचाई खलबली.इस बीच, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने भी बयान दिया कि बीजेपी को चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. इससे भी पार्टी में खलबली मच गई थी, जबकि दूसरी तरफ बीजेपी के नेता सरकार की उल्टी गिनती गिनते हुए दिल थामकर अनुकूल समय की प्रतीक्षा कर रहे थे. लेकिन, पायलट की कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया.विधायक कुमावत बोले- कांग्रेस नेता उनसे संपर्क साध रहे थे.फुलेरा विधायक निर्मल कुमावत ने कहा कि उनसे कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने संपर्क साधने की कोशिश की थी. बार बार उनके पास फोन भी आये, लेकिन उन्होंने समय रहते खतरे को भांपा और पार्टी नेतृत्व को इसकी जानकारी दी. कुमावत उन विधायकों में शामिल थे जो गुजरात गये थे. संगरिया विधायक गुरुदीप शाहपीणी ने कहा कि प्रशासन उन पर लगातार दबाव बना रहा था, इसलिए वो भी गुजरात चले गये थे.प्रताप सिंह सिंघवी बोले- वसुंधरा राजे हमारी नेता.गुरुवार को जब विधायक दल की बैठक हो रही थी उस वक्त छबड़ा से बीजेपी के वरिष्ठ विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा राजे उनकी नेता हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सतीश पूनिया प्रदेशाध्यक्ष हैं. इसलिए उनका भी पूरा सम्मान है.
काजल की रिपोर्ट.