आज दिनांक 9 सितंबर 2020 को आर एस ए के प्रतिनिधिमंडल से विश्वविद्यालय प्रतिनिधि मंडल के बीच में कुलपति चेंबर में वार्ता हुआ विश्वविद्यालय के तरफ से डीएसडब्ल्यू डॉ उदय शंकर ओझा परीक्षा नियंत्रक प्रोफ़ेसर अनिल कुमार सिंह पीआरओ हरीश चंद्र प्रसाद यादव कुलानाशासक डॉ कपिल देव समेत अनेकों पदाधिकारी थे संगठन के तरफ से संरक्षक मनीष पांडे मिंटू, संयोजक परमेंद्र कुमार सिंह, विकास सिंह सेंगर ,परमजीत कुमार, विश्वविद्यालय अध्यक्ष अंशु कुमार, भूषण सिंह ,गुलसन यादव गोलू कुमार सिंह, थे। यू एम आई एस के कर्मचारी को संगठन के द्वारा कहा गया कि एक छात्र का आप 10 मिनट में फॉर्म भरकर बतलाइए। लेकिन वह कर्मचारी एक घंटा तक भी वह भर नहीं पाया । इस पर संगठन के नेताओं द्वारा कहा गया कि इस्कॉन पर प्रतिबंध हटा दिया जाए मालूम हो कि कल आर एस ए के कार्यकर्ताओं के द्वारा विश्वविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर नामांकन में हो रही दिक्कतों को लेकर विश्वविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन एवम पुतला दहन किया गया था। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए।नेताद्वय द्वारा कहा गया कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा स्नातक पार्ट वन नामांकन की प्रक्रिया से शुरू हुई है ,लेकिन प्रॉब्लम की वजह से छात्र छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है। लॉकडाउन जैसी स्थिति में बच्चों को एक एक घंटा साइबर कैफे में खड़ा रहना पड़ रहा है। सब कुछ ठीक होने के बाद भी आवेदन की अंतिम चरण में पेमेंट फेल हो जा रहा है । जिस वजह से आवेदन प्रक्रिया की गति ना के बराबर पिछली गलती की विश्वविद्यालय प्रशासन इस बार भी दोहरा रहा है। यू एम आई एस वेबसाइट संचालक की गलती की वजह से पिछली बार लगभग 10000 विद्यार्थी नामांकन से वंचित रह गए। कई दफा आवेदन देने के बावजूद उस यू एम आई एस वेबसाइट संचालक से विश्वविद्यालय प्रशासन आवेदन नहीं करवाए बावजूद उसके विश्वविद्यालय प्रशासन इसी वेबसाइट संचालक से जैसे तैसे करके काम चला रहा है। जिससे प्रमंडल के छात्रों को आवेदन करने में काफी समस्याएं उत्पन्न हो रही है।
1.पिछले साल जिन छात्र-छात्राओं ने नामांकन के लिए आवेदन किया था। इस बार आवेदन करने पर उनका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पहले से रजिस्टर्ड बता रहा है ।इस वजह से छात्रों को अपना ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर बदलना इतना आसान नहीं लग रहा।हिंदी में नाम लिखने में बहुत समय लग रहा है।
2.बार बार पासवर्ड reset करने को बोल रहा है।
3.email पर लिंक भेजने के बजाय मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाए।
4.पेमेंट होने के बाद फॉर्म (recipt) डाऊनलोड नहीं हो रहा है।
5.पेमेंट काटने के बाद भी पुनः पेमेंट करने का ऑप्शन आ रहा है.
शशिकांत की रिपोर्ट.