कोरोना पर चर्चा के दौरान आनंद शर्मा ने पूछा- केंद्र बताए लॉकडाउन से क्या हुआ फायदा. संसद के मानसून सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है. आज राज्यसभा में कोरोना वायरस केस के 50 लाख का आंकड़ा पार करने पर चर्चा हुई. कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कोरोना का मुद्दा उठाया. कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के बयान पर चर्चा के दौरान आनंद शर्मा ने कहा- कोरोना काल में सरकार ने लॉकडाउन लगाया, तो इसके फायदे क्या-क्या हुए, इसे भी सरकार को बताना चाहिए.आनंद शर्मा ने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को कहा कि इस लॉकडाउन के निर्णय ने लगभग 14 से 29 लाख कोविड-19 मामलों और 37,000-78,000 मौतों को रोका गया. मेरा कहना है कि सदन को सूचित किया जाना चाहिए कि वह वैज्ञानिक आधार क्या है, जिसके आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं.’ शर्मा ने कहा, ‘अचानक 4 घंटे के नोटिस पर जो लॉकडाउन लगाया गया, उससे लोगों को तकलीफ हुई. गरीबों, मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया. भारत की जो तस्वीर दुनिया में गई, उससे हम इनकार नहीं कर सकते हैं.’प्रवासी मजदूरों के लिए बने नेशनल डेटा बेस.कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, ‘सरकार कह रही है कि कितने प्रवासी मजदूर की मौत हुई, इसका हमारे पास कोई डेटा नहीं है. ये बड़े दुर्भाग्य की बात है. मैं चाहता हूं कि आगे के लिए प्रवासी मजदूरों का विवरण रखने के लिए एक नेशनल डेटा बेस बनाया जाए.’मजदूरों की मौत पर सरकार ने क्या कहा था?संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को श्रम मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा था कि सरकार के पास लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की मौत का आंकड़ा नहीं है, ऐसे में मुआवजे का सवाल नहीं उठता है. सोमवार को सरकार से पूछा गया था कि क्या सरकार के पास अपने गृहराज्यों में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का कोई आंकड़ा है?विपक्ष ने सवाल में यह भी पूछा था कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि इस दौरान कई मजदूरों की जान चली गई थी और क्या उनके बारे में सरकार के पास कोई डिटेल है? साथ ही सवाल यह भी था कि क्या ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता या मुआवजा दिया गया है? इस पर केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने अपने लिखित जवाब में बताया कि ‘ऐसा कोई आंकड़ा मेंटेन नहीं किया गया है. ऐसे में इस पर कोई सवाल नहीं उठता है.’राहुल गांधी ने बोला था हमला.राहुल गांधी सरकार की प्रतिक्रिया पर मंगलवार को एक ट्वीट में लिखा, ‘मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गयीं. तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पर असर ना हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई.’ बता दें कि राहुल गांधी फिलहाल सोनिया गांधी के हेल्थ चेक-अप के लिए विदेश गए हुए हैं.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.