‘अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, राजपूत नहीं थे क्योंकि महाराणा प्रताप के वंश से ताल्लुक रखने वाले लोग आत्महत्या नहीं करते हैं…’ यह बात राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक अरुण यादव ने कही। बस उनके इस बयान के बाद ही विवाद शुरू हो गया है। यही नहीं, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भाजपा ने यादव से बिहार और सुशांत के फैंस से इस जातिवाद टिप्पणी को लेकर माफी मांगने तक की बात कह डाली है।
दरअसल, सहरसा में एक नवनिर्मित सड़क का उद्घाटन के दौरान अरुण यादव ने 16 सितंबर, 2020 को कहा कि – ‘मैं कहता हूं कि वह (सुशांत) राजपूत नहीं थे। कृपया बुरा न मानें लेकिन महाराणा प्रताप के वंश से ताल्लुक रखने वाले राजपूत खुद को रस्सी से नहीं लटका सकते। मुझे दुख है। सुशांत सिंह राजपूत को खुद को रस्सी से नहीं लटकाना चाहिए था। वे राजपूत थे और उन्हें लड़ना चाहिए था। खुद मरने से पहले राजपूत दूसरों को मारते हैं।’
विधायक ने आगे कहा कि महाराणा प्रताप ना केवल राजपूतों के बल्कि यादवों के भी पूर्वज थे। फिर क्या उनके इस बयान की आलोचना ज़ोरों से होने लगी। बता दें कि सुशांत की मौत का मामला चुनाव से पहले राज्य में काफी बड़ा बन चुका है। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर के महीने में होने हैं।
दूसरी ओर, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि – ‘सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर राजद विधायक द्वारा दिए गए बयान से ज्यादा विचित्र और शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। उनकी मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। विधायक को राज्य के लोगों और सुशांत के प्रशंसकों से माफी मांगनी चाहिए।’
और तो और राजद विधायक के बयान की निंदा करते हुए भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने भी अपनी बात रखी कि – राजद नेता और कार्यकर्ता आदतन अपराधी हैं। इसका स्पष्ट उदाहरण लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद की तुलना एक लोटा पानी से किए जाने से मिल जाता है।
आनंद यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि क्या वे सुशांत सिंह राजपूत, कंगना रणौत और रिया चक्रवर्ती के मुद्दे पर विधायक अरुण यादव और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की बात का समर्थन करते हैं??? विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोग उन्हें उचित समय पर जवाब देंगे।
प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट