उत्तर प्रदेश का हाथरस कांड हम सबको निर्भया कांड का याद दिला दिया है। वहीं, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है हाथरस गैंगरेप पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन नहीं किया है। प्रशांत कुमार की मानें तो परिवारवालों की सहमति के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया गया था। आगे उन्होंने कहा कि देर होने से शव खराब भी हो रहा था और अंतिम संस्कार के वक्त पीड़िता के परिवारवाले भी मौजूद थे।
बता दें कि एडीजी प्रशांत कुमार ने साफ कहा है कि पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर जिला प्रशासन ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट किया था कि उसका अंतिम संस्कार परिवारवालों की मौजूदगी और उनकी सहमति से किया गया है। वह यह भी कहते हैं कि पीड़िता की मृत्यु 29 सितंबर की सुबह को ही हो गई थी और पोस्टमार्टम के बाद डेडबॉडी खराब हो रही थी बस इसी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने परिवार की सहमति से पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया।
दूसरी ओर पीड़िता के माता-पिता का यह कहना है कि उन्हें बेटी का अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया गया… उन्हें कोई जानकारी भी नहीं थी कि पुलिस वाले उनकी बेटी का अंतिम संस्कार करने जा रहे हैं। पीड़िता के माता-पिता ने खुद को कमरे में बंद कर रखा था और इधर पुलिस ने बस कुछ रिस्तेदारों के सामने अंतिम संस्कार को अंजाम दे डाला।
प्रिया की रिपोर्ट.