आज पूरा देश महात्मा गांधी की 151वीं जयंती मना रहा है. मोहनदास करम चंद गांधी, भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के अगुवा थे. सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर बापू जी ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.उनके इन सिद्धांतों ने पूरी दुनिया में लोगों को नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए प्रेरित किया था. महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नमन किया और देशवासियों से बापू के सिद्धांतों और उनके सत्य और अहिंसा के पथ पर चलने का दोबारा संकल्प लेने को कहा.महात्मा गांधी को नमन करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा, आइए, गांधी जयंती के पुनीत अवसर पर हम सब पुन: यह संकल्प लें कि हम सत्य और अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करते हुए, राष्ट्र के कल्याण और प्रगति के लिए सदैव समर्पित रहेंगे और एक स्वच्छ, समृद्ध, सशक्त व समावेशी भारत का निर्माण करके गांधी जी के सपनों को साकार करेंगे.राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा- ‘गांधी जयंती के दिन, कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं. सत्य, अहिंसा और प्रेम का उनका संदेश समाज में समरसता और सौहार्द का संचार करके समस्त विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. वे संपूर्ण मानवता के प्रेरणा-स्रोत बने हुए हैं.’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी को याद किया और कहा कि बापू के जीवन और महान विचारों से सीखने के लिए बहुत कुछ है. उन्होंने लिखा, हम गांधी जयंती के मौके पर प्यारे बापू को नमन करते हैं. उनके जीवन और महान विचारों से सीखने के लिए बहुत कुछ है. बापू के आदर्श समृद्ध और करुण भारत बनाने में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे.गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस खास मौक पर महात्मा गांधी को नमन करते हुए लिखा, गांधी जी के असाधारण व्यक्तित्व व साधनापूर्ण जीवन ने विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का मार्ग दिखाया. स्वदेशी के उपयोग को बढ़ाने के उनके स्वप्न को पूर्ण करने के लिए आज पूरा देश मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ स्वदेशी को अपना रहा है. गांधी जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन.राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी राजघाट जाकर बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.वहीं, पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की भी आज जयंती है. लाल बहादुर शास्त्री के बेटे और परिवार ने विजय घाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
कौशलेन्द्र पाण्डेय,