दिल्ली. दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री खुशबू सुंदर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया. डीएमके के बाद कांग्रेस और अब भाजपा में शामिल हुईं खुशबू ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस से जुड़े अपने कई खराब अनुभव और पार्टी से मिली कई सीख के बारे में बातचीत की. पार्टी छोड़ने की वजह के बारे में खुशबू ने कहा कि जिस तरह पार्टी काम कर रही थी वह उससे खुश नहीं थीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बदल गई है, लोग बदल गए हैं और पार्टी के आईडिया में भी बदलाव आ गया है.पीसीसी प्रमुख के उन्हें “कमल पर पानी की बूंद” और “सिर्फ एक अभिनेत्री न कि नेता” कहने को लेकर खुशबू ने कहा कि ये एक महिला विरोधी टिप्पणी है, भले ही मैं एक अभिनेत्री हूं लेकिन तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी अपरिचित चेहरा हैं, मैं भीड़ जुटाती थी, अलागिरी नहीं. खुशबू ने आगे कहा कि उनका रवैया एक बुद्धिमान और वाक्पटु महिला के पूरी तरह से खिलाफ है. विनम्रता भाड़ में जाए. मैं बेबाक, खूबसूरत और साहसी हूं.’कांग्रेस को आत्म-निरीक्षण की जरूरत’खुशबू ने आगे कहा कि लोग समझेंगे कि मैं मौकापरस्त हूं लेकिन मैंने पार्टी में किसी भी पद के लिए कोई तोल-मोल या बातचीत नहीं की है. खुशबू सुंदर ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि यह सही समय है कि कांग्रेस को ये आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि आखिर क्यों पार्टी और लोगों के बीच इतनी दूरी है.तमिलनाडु में कम राजनीतिक प्रभाव रखने वाली भाजपा को आस है कि खुशबू के आने से राज्य में उसकी राजनीतिक ताकत बढे़गी क्योंकि देश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में वहां फिल्मी सितारों का ज्यादा असर है.बता दें तमिलनाडु में अगले साल के पूर्वार्ध में की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व रहा है. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) और ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के इर्दगिर्द ही प्रदेश की राजनीति का पहिया घूमता रहा है. दोनों ही दल बारी-बारी से प्रदेश के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे हैं. फिलहाल, अन्नाद्रमुक का राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा है.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.