पटना, १६ अक्टूबर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का १०१वाँ स्थापना दिवस समारोह आगामी १९ अक्टूबर को, क़दमकुआं स्थित सम्मेलन सभागार में आयोजित किया जा रहा है। उत्सव का उद्घाटन पटना उच्चन्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार करेंगे। इस अवसर पर हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में मूल्यवान अवदान देने वाली विदुषियों और मनीषी विद्वानों को नामित अलंकरणों से विभूषित किया जाएगा। हिन्दी भाषा के विस्तार और विकास के संबंध में कुछ प्रस्ताव भी पारित होंग़े तथा नृत्य-नाटिका ‘राधायण’ की रंगारंग प्रस्तुति भी की जाएगी।
यह जानकारी शुक्रवार को सम्मेलन परिसर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने दी। डा सुलभ ने कहा कि इस अवसर पर प्रदान किए जाने वाले अलंकरणों के लिए १० अक्टूबर तक प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई थी। इस हेतु देश भर से अनेक विदुषियों और विद्वानों के जीवनवृत पर प्राप्त हुए थे, जिसके आलोक में चयन किया गया है। चयनित विदुषियों एवं विद्वानों को इसकी सूचना दी जा चुकी है और वे सभी उत्सव में उपस्थित होंगे। ‘कोरोना-प्रकोप’ को ध्यान में रखते हुए, उत्सव को सीमित और सार-गर्भित किया गया है। उत्सव का उद्घाटन अपराहन २-३० बजे किया जाएगा तथा सम्मान और सांस्कृतिक उत्सव के साथ संध्या ६ बजे तक कार्यक्रम को संपन्न कर दिया जाएगा।
संवाद-गोष्ठी में सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह, साहित्य मंत्री डा भूपेन्द्र कलसी, योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, कृष्णरंजन सिंह, कुमार अनुपम, डा शालिनी पाण्डेय, डा विनय कुमार विष्णुपुरी, प्रो सुशील कुमार झा, डा अमरनाथ प्रसाद, जय प्रकाश पुजारी, आनंद किशोर मिश्र, बाँके बिहारी साव, नीरव समदर्शी आदि उपस्थित थे।