चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मंगलवार को प्रदेश के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर से मंगलवार को मुलाकात की और उम्मीद जताई कि वह केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ राज्य विधानसभा में आज सर्वसम्मति से पारित चार विधेयकों को मंजूरी देंगे। शिरोमणि अकाली दल एवं आम आदमी पार्टी के विधायकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल पंजाब की आवाज को सुनेंगे। भाजपा विधायक, राज्यपाल से मिलने वाले शिष्टमंडल में शामिल नहीं थे। प्रदेश में भाजपा के दो विधायक हैं और उन दोनों ने विधानसभा के विशेष सत्र में भी हिस्सा नहीं लिया था जो कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाया गया था।
मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल से मिलने वाले सभी विधायकों ने इन विधेयकों को जल्द से जल्द मंजूर करने का आग्रह किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को कृषि कानूनों के खिलाफ पारित विधेयकों एवं विधानसभा में अपनाए गए प्रस्ताव की प्रति सौंपी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्यपाल विधानसभा में पारित इन विधेयकों को मंजूर नहीं करते हैं तो उनकी सरकार कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दो नवंबर से पांच नवंबर के बीच मिलने के लिए समय की मांग की है और पंजाब के सभी विधायक एक साथ वहां जाएंगे तथा राज्य के हित में इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि केंद्र पंजाब के आवाज की अनदेखी करेगा।
पंजाब विधानसभा ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को चार विधेयक पास किया तथा एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा में पांच घंटे के चर्चा के बाद इन विधेयकों को पारित किया गया जिसमें भाजपा विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया। विपक्षी शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी तथा लोक इंसाफ पार्टी ने इस विधेयक का समर्थन किया। कैप्टन ने कहा, ”पंजाब का भविष्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा, दोनों दांव पर है।” उन्होंने कहा कि सभी दलों का एक साथ आना राज्य के लिए अच्छी बात है। राज्यपाल के साथ 20 मिनट तक हुई मुलाकात में अमरेन्द्र सिंह के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा, शिअद विधायक शरणजीत सिंह ढिल्लों तथा अन्य विधायक मौजूद थे।
शशिकान्त मिश्रा.