बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कई पार्टियों ने अपना-अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है और ऐसे में महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस पार्टी ने भी अपना बदलावपत्र जारी किया जिसमें उन्होंने कई बड़े वादों का गुणगान किया। कांग्रेस के सभी वादों में जिसने सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया है वह है शराबबंदी का। कांग्रेस ने यह साफ कहा है कि शराबबंदी के निर्णय की वो सत्ता में आने पर समीक्षा करेगी।
कांग्रेस ने कहा है कि शराबबंदी से बिहार राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ है और सरकार इसके सकारात्मक उद्देश्य से भटक गई है, जिसके कारण राज्य में अवैध व्यापार हो रहा है और पुलिस को खूब लाभ पहुंच रहा है जबकि जनता अभी भी परेशान ही है। ऐसे में सत्ता में आने पर इसकी सही से समीक्षा की जाएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शराबबंदी के फैसले को नीतीश सरकार ने ही लागू किया था और इसे एक बड़ी उपलब्धि करार दिया गया था हालांकि, चुनावी सीज़न में बिहार के कई इलाकों से शराब बरामद किए गए हैं जो कि इस फैसले के क्रियान्वन पर सवाल खड़े कर रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने वादों में कई अहम बातें कही हैं, जिनमें सौ यूनिट तक आधा बिल माफ, लड़कियों को स्कूटी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, विधवाओं को पेंशन देने की बात कही है। वहीं, कांग्रेस के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने भी 21 अक्टूबर, 2020 को शराबबंदी पर सवाल उठाए थे। चिराग ने सवाल किया था कि – ‘क्या सिर्फ शराबबंदी करने से ही महिला सशक्तिकरण हो गया है… शराबबंदी का फैसला सही तरीके से लागू नहीं हुआ है…’
बताते चलें कि बिहार में कांग्रेस कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वह महागठबंधन का हिस्सा भी है। 28 अक्टूबर, 2020 को बिहार में पहले चरण के मतदान को अंजाम दिया जाएगा।
प्रिया की रिपोर्ट.