बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने जब से शराबबंदी की समीक्षा की बात कही है, तब से ही इस पर राजनीति गरमाई हुई है. हाल में तेजस्वी यादव और चिराग पासवान ने सीएम नीतीश पर इसको लेकर कई बार हमले किए हैं. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को एक चुनावी सभा में कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को सख्ती से क्यों नहीं लागू करवा पाए? आज ऐसे हालात बना दिए गए हैं कि बिहारी रोजगार के अभाव में मजबूरन शराब की तस्करी कर रहे हैं. अब इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने सीधा जवाब देते हुए कहा है कि बिहार सरकार के शराबबंदी के फैसले से शराब माफिया और उनसे मिलीभगत रखने वाले लोग परेशान हैं और किसी भी हाल में उन्हें सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं.
लखीसराय में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के खिलाफ बिहार में माहौल बनाया जा रहा है. ऐसा करने वाले असल में खुद धंधेबाज हैं और ये लोग ही इस कानून के खिलाफ माहौल बनाने में लगे हैं. शराब माफिया चाहते हैं कि किसी तरह उन्हें सत्ता से हटाया जाए. उन्होंने कहा कि आज से पांच साल पहले और उससे पहले भी महिलाएं शराबबंदी की मांग करती थीं. हमने वादा किया था कि शराबबंदी लागू करेंगे. सरकार में आए तो कर दिया. अब इससे बौखलाए शराब माफिया उन्हें सत्ता से हटाना चाहते हैं.
बता दें कि बिहार में शराबबंदी पर लाए गए विधेयक को सत्तापक्ष और विपक्ष ने सर्वसम्मति से पारित कर संवैधानिक दृष्टि से राज्य की जनता के प्रति जवाबदेही का अनूठा उदाहरण पेश किया था. पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब तस्करी और उसके खरीद-बिक्री में बेतहाशा वृद्धि ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का अवसर दे दिया है. हालांकि, अब जेडीयू ने इस पर पलटवार किया है.
जेडीयू नेता राजीव रंजन ने शराबबंदी को ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि चिराग पासवान बहकने लगे हैं. भाजपा सांसद रविकिशन ने कहा कि चुनाव और राजनीति का मतलब यह नहीं कि चिराग इतनी ओछी बात करें. मैं बिहार को 20 साल से जानता हूं. बिहार शराब की वजह से बर्बाद था. नीतीश कुमार ने बिहार को बर्बादी से बाहर निकाला. चिराग को नीतीश कुमार से माफी मांगनी चाहिए.
वरुण कुमार.