एक ओर चुनाव की लहर तेज़ हैं वहीं, दूसरी ओर नल-जल योजना के तहत काम कर रहे ठेकेदार के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी कर चुनावी राजनीति को और तेज़ कर दिया है।
हालांकि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार ही बिहार में नल जल योजना में भ्रष्ट्राचार का मुद्दा उठाते रहे हैं और अब तो इस छापेमारी से चिराग पासवान के आरोपों को भारी बल मिलता नज़र आ रहा है।
दूसरी ओर जेडीयू का साफ कहना है कि यह भ्रष्ट्रचार का मामला नहीं है बल्कि टैक्स चोरी का मामला माना जा रहा है और यह स्वागत योग्य है। उधर आरजेडी यह कहती नज़र आ रही है कि यह सब बीजेपी का ही गेम है ताकि नीतीश कुमार बेनकाब हो सकें।
बताते चलें कि आयकर विभाग ने बिहार में नल-जल योजना का काम कर रहे दो बड़े ठेकेदारों के ठिकाने पर छापेमारी कर पूरे 2.28 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। चुनाव आयोग ने भी साफ कह दिया है कि स्वच्छ एवं पारदर्शी चुनाव कराने के लिए कई इंफोर्समेंट एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं, जिसके तहत करीब एक दर्जन ठेकेदारों के यहां छापेमारी की गई है और इनमें से दो नलजल योजना से जुडे हुए हैं।
प्रिया की रिपोर्ट.