प्रधानमंत्री 24 सीट के लिये वोट मांगने पहुंचे छपरा, भारत माता की जय से किया सम्बोधन शुरू. अम्बिका माई के भूमि के नमन करत बानी, राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, भिखारी ठाकुर के धरती के नमन करत बानी. भोजपुरी मे प्रधानमंत्री ने किया अपने सम्बोधन का शुरुआत. चुनाव सभाएं हमने बहुत देखि है लेकिन आज छपरा की जनता ने अदभुत नजारा दिखा दिया, कोरोना को बिहार ने हरा दिया, पहले चरण के मतदान का एनालिसिस को ध्वस्त कर दिया. पहले चरण में साफ दिख रहा है कि नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार सरकार बनेगी. पहले चरण में जो आपने भारी समर्थन दिया है इसके लिए आपको धन्यवाद. यहां के लोगों का उत्साह देखने लायक. आपका यह हुंकार जनादेश का संकेत दे रहा है. बिहार के लोगों को धर्म में डालने की कोशिश को आप ने नाकाम कर दिया. भाजपा के लिए NDA के लिए आपका एक प्रेम कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है. चेहरे पर हंसी गायब है. इतने बौखला गए हैं मोदी को है गाली देना शुरू कर दिया है. मोदी को गाली दीजिए लेकिन अपना गुस्सा बिहार के लोगों पर मत दिखाइए. बिहार के लोगों को यह नहीं समझ सकते. अपने परिवार के लिए पैदा हुए और अपने परिवार के लिए जी रहे हैं. ना उनको बिहार के लोगों से चिंता है बिहार के युवा पीढ़ी के सपनों से कोई लगाव है. जिनकी नजर सिर्फ सत्ता पर है. उन लोगों गरीब का दुख और तकलीफ कहां दिखाई देगा. भाजपा के नेतृत्व में एनडीए का हमारा गठबंधन देश के गरीब के जीवन से गरीब के जीवन से मुश्किलें कम कर रहा है. दशकों तक गरीबों ने जन सुविधाओं का इंतजार किया कहां कहां चक्कर काटने पड़ते थे, आज उन्हें आसानी और हक से मिल रहा है. मोदी ने हमरा के नल दहलान. हमरा के लाइन देहलन. मोदी हमारा के कोटा देहलन. राशन देहलन. मोदी हमरा के गैस देहलन. वोट मोदी के ना ता तहरा के दी, एनडीए के वोट ना देंब त तहरा के देव.एक तरफ डबल इंजन की सरकार तो दूसरी तरफ दो युवराज. उत्तर प्रदेश में दो युवराज का हुआ वहीं बिहार में दोनों युवराज का होगा. मोदी सरकार सभी गरीबों के साथ खड़ी है. दुनिया के सब इस देश की परेशानी से गुजर रहे हैं. एनडीए सरकार ने कोरोनावायरस के समय ही बेहतर प्रयास किए हैं. मोदी सरकार ने देश के लिए अन भंडार को खोल दिया. कोई भूखा नहीं सोना चाहिए. आंसू पीकर सोने को कोई मोदी सरकार ने मजबूर नहीं हो सकता. संकट की घड़ी में देश मोदी के साथ खड़ा रहा और मोदी देश के साथ. प्रधानमंत्री मोदी ने सभी माँ को किया निश्चिंत और बोले कि आपका बेटा दिल्ली में बैठा है आप छठ की तैयारी करें. जंगलराज के समय कंपनियां बिहार आने के लिए 100 बार सोचती थी. गंगा की स्वच्छता हर बिहारी के दिल में. जिस राज्य में भी बच्चों को घर से निकलना मुश्किल हो उसी को जंगलराज कहते हैं.
कौशलेन्द्र की रिपोर्ट.