गिरफ्तार किए गए रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को अलीबाग कोर्ट ने 18 नवंबर तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गोस्वामी कल यानी गुरुवार को जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। पुलिस ने अर्नब की पुलिस कस्टडी भी मांगी थी, जिसे देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया। इसके अलावा बॉम्बे हाई कोर्ट में कल अर्णब गोस्वामी की उस याचिका पर सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए रायगढ़ पुलिस की 2018 की एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।
अर्नब को 2018 में एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘अलीबाग पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 और 34 के तहत गोस्वामी को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी 2018 में एक व्यक्ति और उनकी मां की आत्महत्या से जुड़े मामले में की गई है। हमारे पास उनके खिलाफ सबूत भी हैं।’ 2018 में, एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने कथित तौर पर गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा उनके बकाये का भुगतान न किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी, उनकी पत्नी, बेटे और अन्य पर पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बताया कि एनएम जोशी मार्ग थाने में गोस्वामी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना), 504 (शांति भंग करने के लिए उकसाने के वास्ते जानबूझकर अपमान करना) और 506 (धमकी देना) एवं सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पुहंचाने से संबंधित अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। गोस्वामी को गिरफ्तार करने लोअर परेल इलाके में स्थित उनके घर गई टीम में शामिल एक महिला अधिकारी ने शिकायत दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी की निंदा की है और इस मामले में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को घेरा है.
अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा है, “कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ राज्य की सत्ता का खुला दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। ये हमें आपातकाल की याद दिलाता है। स्वतंत्र प्रेस पर इस हमले का विरोध करना होना ही चाहिए और इसका विरोध होगा।
निखिल दुबे.