एक ओर बिहार में जहां 7 नवंबर, 2020 को तीसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान होने वाला है तो वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को ज़ोर का झटका लग गया है।
दरअसल, 27 नवंबर तक उनकी जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई टल गई है और अब रांची जेल में ही उनको रहना होगा। 6 नवंबर, 2020 को दुमका कोषागार से गबन के मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होने वाली थी, जिसे छुट्टी की वजह से टाल दिया गया और अब 27 नवंबर को उनकी याचिका पर सुनवाई होने का फैसला लिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर उन्हें आज जमानत मिल जाती तो वह जेल से बाहर आ जाते, क्योंकि चारा घोटोले के चार में से तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।
लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल का कहना है कि इस मामले में अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई निर्धारित कर दी थी। दुमका मामला उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया था। यादव की ओर से दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आधी सजा काटने के आधार पर जमानत प्रदान किए जाने की गुहार लगाई गई है।
आगे उन्होंने कहा कि – लालू प्रसाद इस मामले में 42 माह जेल में रह चुके हैं और ऐसे में आधी सजा काटने के आधार पर उन्हें जमानत मिल जाने की संभावना पूरी बनी हुई है। बत दें कि सजा की आधी अवधि काट लेने के आधार के अलावा लालू की ओर से उन्हें किडनी, हृदय रोग व शुगर सहित 16 प्रकार की बीमारियां होने का भी दावा किया गया था।
बताते चलें कि चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सजा मिली है, जिनमें से चाईबासा के 2 मामले व देवघर के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।
प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट.