जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि बढ़ती आबादी देश की बड़ी समस्या है. इमरजेंसी के वक्त परिवार नियोजन (Family Planning) पर सख्ती से काम हुआ था, लेकिन बाद में इंदिरा गांधी की सरकार चली गई. उसके बाद से कोई सरकार परिवार नियोजन पर बात ही नहीं करती है. बढ़ती आबादी को रोकने की इच्छाशक्ति किसी में नहीं रही है, लेकिन इस पर रोक जरूरी है. सीएम गहलोत शुक्रवार को बाल अधिकारिता सप्ताह के वर्चुअल समारोह को संबोधित कर रहे थे.सीएम गहलोत ने कहा कि हम बाल अधिकारिता सप्ताह भी मनाएंगे, 70 साल से मनाते आए हैं. लेकिन हमें बाल मजदूरी के कारणों पर जाना होगा. कानूनों की कमी नहीं है. असली समस्या की जड़ देश की गरीबी, बेकारी है. बाल मजदूरी सबसे बड़ी समस्या है. दूसरी समस्या बढ़ती आबादी है.सीएम ने कहा कि कोई देश कितना ही बड़ा ढांचा बना दे, उद्योग लगा दे, सब कुछ कर ले, लेकिन इनकी एक सीमा होती है. जब आबादी बढ़ती जाती है तो फिर विकास रूक जाता है. हम आजादी के वक्त 30 करोड़ से आज 120 करोड़ को पार कर चुके हैं. आबादी बढ़ती रहेगी तो हम विकास नहीं कर पाएंगे. क्वालिटी ऑफ लाइफ नहीं दे पाएंगे. आबादी बढ़ती ही जा रही है जिस पर रोक जरूरी है.सीएम गहलोत ने कहा कि बच्चों के लिए योजनाओं की कमी नहीं है. सरकार की मंशा बालकों के अधिकारों की रक्षा की रहती है. यूपीए सरकार ने शिक्षा का अधिकार काननू (आरटीई) लागू किया. लेकिन क्या अब भी हम बालकों की रक्षा कर पाते हैं. कितने बच्चे देश प्रदेश में बाल मजदूरी कर रहे हैं, कितने भिक्षावृति में लगे रहते हैं. इनके क्या कारण हैं, बाल मजदूरी का सबसे बड़ा कारण गरीबी है. जब तक गरीबी रहेगी तब तक बाल मजदूरी की समस्या बनी रहेगी.बाल अधिकारिता सप्ताह के वर्चुअल शुभारंभ समारोह में सीएम अशोक गहलोत ने समर्थ योजना, किशोर वात्सल्य योजना और एमआईएस पॉर्टल की लॉन्चिंग की. अनाथ आश्रम में रह रहे 18 साल से अधिक उम्र के युवाओं के लिए समर्थ योजना शुरू की गई है. जोधपुर में स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर की भी वर्चुअल उद्घाटन किया. आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से ये सेंटर किशोर संप्रेषण गृह जोधपुर में बना है, जहां अनाथ व्यस्कों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी.
अनुज की रिपोर्ट.