बिहार: जिले में धान की खरीदारी के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से जिले में धान की खरीदारी की जाएगी। धान की खरीदारी को लेकर मोतिहारी जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने अधिकारियों के साथ बैठक कर धान की खरीदारी को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। बताया गया कि सरकारी स्तर पर धान का समर्थन मूल्य व लक्ष्य तय कर दिया गया है। जिले में 80 हजार एमटी धान की खरीदारी होनी है। सामान्य धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये व ग्रेड-1 धान का समर्थन मूल्य 1888 रुपये तय किया गया है।
धान की खरीदारी 23 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक किया जाना है। सीएमआर की प्राप्ति 31 जुलाई 2021 तक है। किसानों को धान बेचने के लिए किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए विभागीय स्तर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने का प्रावधान किया गया है। किसानों को धान बेचने के 48 घंटे के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने डीसीओ को निर्देश दिया कि अपने सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के माध्यम से किसानों के निबंधन में तेजी लाएं और उनका सत्यापन करने की रफ्तार तेज करें। पंजीकृत मिलों का सत्यापन एसडीओ, डीसीओ, डीएमएसएफसी, एसडीसी अधिप्राप्ति संयुक्त रूप से करेंगे।
बैठक में उप विकास आयुक्त कमलेश कुमार सिंह, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, डीएम एसएफसी व गोपनीय शाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
मिलों की क्षमता व सीएमआर को अग्रिम लेने पर दिया गया जोर
धान की खरीदारी के बाद सीएमआर को अग्रिम लेने पर जोर दिया गया। इस संबंध में कहा गया कि धान अधिप्राप्ति वाले क्षेत्रों में मिलों की क्षमता व सीएमआर देने की स्थिति की गंभीरता के साथ पड़ताल की जाएगी। हर हाल में सीएमआर को प्राप्त करने की दिशा में कार्य जरूरी है। देखना होगा कि मिल की कुटाई क्षमता क्या है और वे समय पर सीएमआर दे सकते हैं या नहीं। सक्षम मिलरों को ही निबंधित किया जाय, ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। समय पर सीएमआर नहीं देने वाले पैक्स, व्यापार मंडल व मिलरों को अविलंब चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्हें काली सूची में डालते हुए वसूली के लिए नीलरम पत्र दायर किया जाएगा। किसी भी हाल में वायदा आधारित खरीदारी नहीं की जाएगी। तय समय सीमा के अंदर सीएमआर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला सहकारिता पदाधिकारी को दी गई है। दूसरे की भूमि पर खेती करने वाले किसानों का भी होगा निबंधन जिले में वैसे किसान भी है जो अपनी भूमि पर खेती नहीं करते हैं। इस प्रकार के किसानों का भी निबंधन किया जाएगा। इस प्रकार के किसान अपने किसान सलाहकार या वार्ड सदस्य से दूसरे की जमीन पर खेती करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे। वे इसके आधार पर ऑनलाइन पंजीकरण कराकर अधिकतम 75 क्विटल धान की बिक्री कर सकेंगे। वहीं सामान्य किसान स्वअभिप्रमाणित प्रमाणित प्रमाण पत्र के माध्यम से दो सौ क्विटल तक धान की बिक्री कर सकेंगे। क्रय केंद्रों पर कोरोना से बचाव को लेकर बरतनी होगी सावधानी।
निखिल दुबे