दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों पर व्यापक चर्चा की. दोनों नेताओं के बीच अगले दशक में भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को नई ऊंचाई पर पहुंचाने सहित निवेश, डिफेंस और सुरक्षा के साथ क्लाइमेट चेंज और कोरोना वायरस वैक्सीन के मुद्दे पर सहयोग और साझेदारी को लेकर भी चर्चा हुई.प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच कोरोना वायरस और वैक्सीन के विकास और चुनौतियों को लेकर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्ते की समीक्षा और सहयोग को लेकर बात की और कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास और उत्पादन पर भी गहरी चर्चा की. साथ ही भारत और ब्रिटेन के रिश्तों के लिए जल्द ही एक लॉन्गटर्म रोडमैप तैयार करने पर सहमति जताई.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “शुक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आपसे बात कर अच्छा लगा. मैं भारत और ब्रिटेन के रिश्तों को 2021 और उसके आगे और ज्यादा मजबूत करने के प्रति उत्सुक हूं.” डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से कहा गया कि वर्ष 2021 ब्रिटेन और भारत के रिश्तों के लिए महत्वपूर्ण है और ब्रिटेन व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है. अगले साल में ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ कैरियर ग्रुप की तैनाती करेगा.डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और बोरिस जॉनसन ने कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित करने को लेकर दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग पर चर्चा की और वैज्ञानिक जगत की लीडरशिप के साझे सहयोग का स्वागत किया. दोनों नेताओं ने अगले महीने होने वाले क्लाइमेट एम्बिशन समिट को ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ वैश्विक प्रयासों की महत्वपूर्ण कड़ी करार दिया और कहा कि इससे ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा.ब्रिटेन अगले साल ग्लास्गो में 26वें यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगा. ये समिट नवंबर 2020 में आयोजित होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस और वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन की वजह से इसे टाल दिया गया.भारत और ब्रिटेन के बीच 2020 में वर्चुअल स्तर पर लगातार बातचीत हुई. इसी कड़ी में भारत-ब्रिटेन के बीच 10वीं इकोनॉमिक और फाइनेंशियल वार्ता का भी वर्चुअल स्तर पर आयोजन किया गया.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.