प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी यात्रा के दौरान देव दीपावली के अवसर पर राजघाट पर दीप प्रज्ज्वलित कर जनसभा को अच्छे से संबोधित किया है। वहीं, दूसरी ओर नए कृषि कानून के खिलाफ हो रहे धरना-प्रदर्शन पर कहा कि नए काम के दौरान इस तरह के विरोध होते रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे यह भी कहा कि हम सुधार की बात करते हैं। बता दें कि समाज और व्यवस्था में सुधार के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे। यही नहीं, हमने यह भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं, तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर जरूर उठते हैं लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सब कुछ ठीक हो जाता है और यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है।
और तो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध के संदर्भ में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और राम मंदिर का उदाहरण भी दिया है। उन्होंने आगे कहा कि काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुए थे, विरोध करने वालों ने सिर्फ विरोध के लिए विरोध तब भी किया था।
बताते चलें कि जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार तक विश्वनाथ कॉरिडॉर बनेगा, विरोध करने वालों ने तब इसे लेकर भी काफी कुछ कहा था लेकिन आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। सदियों पहले, बाबा के दरबार का मां गंगा तक जो सीधा संबंध था, वो फिर से स्थापित हो रहा है।
प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट.