वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रेयसस का कहना है कि कोरोना वायरस कहां से आया, यह जानना जरूरी है. इस बारे में WHO को रुख बिल्कुल साफ है। ऐसा करके हम भविष्य में होने वाली इस तरह की समस्याओं को रोकने में हमारी मदद कर सकता है. उधर अच्छी खबर ये है कि अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना अपनी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अमेरिका और यूरोपियन रेगुलेटर्स को अप्लाई करेगी. वैक्सीन के लास्ट स्टेज ट्रायल के बाद कंपनी ने दावा किया कि यह कोरोना से लड़ने में 94% तक कारगर है.टेड्रोस ने कहा कि हम इसका सोर्स जानने की हर कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए चीन के वुहान से स्टडी शुरू की जाएगी. पता करेंगे कि वहां क्या हुआ था. इसके अलावा देखा जाएगा कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए दूसरे रास्ते क्या हैं. कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें अब यूरोप में हो रहीं हैं. यहां हर दिन 3-4 हजार लोग संक्रमण से दम तोड़ रहे हैं. यहां इटली, पोलैंड, रूस, यूके, फ्रांस समेत 10 देश ऐसे हैं जहां हर दिन 100 से 700 लोग जान गंवा रहे हैं. यूरोप के 48 देशों में अब तक संक्रमण से 3.86 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. हर दिन होने वाली मौतों में दूसरे नंबर पर नॉर्थ अमेरिका और तीसरे पर एशिया है. नॉर्थ अमेरिका में हर दिन 1500 से 2000 मरीजों की मौत हो रहीं, जबकि एशिया में हर दिन 1400 से 1800 लोग जान गंवा रहे.अमेरिका में हालात और बिगड़ने की चेतावनी.अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के डायरेक्टर डॉ एंथनी फॉसी ने एक के बाद लगातार दूसरी लहर आने की चेतावनी दी है. NBC न्यूज चैनल के एक प्रोग्राम में फॉसी ने कहा कि अचानक से कुछ बदलने नहीं जा रहा. हालांकि अभी भी देर नहीं हुई है. लोग थैंक्सगिविंग की छुट्टियां मनाकर घर लौट रहे हैं. सभी मास्क पहने, बड़े ग्रुप न बनाएं और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखें. अमेरिका में अभी सबसे ज्यादा 50 लाख एक्टिव केस हैं. उधर फ्रांस में ऐसे मरीजों की संख्या 20 लाख, इटली में 7.94 लाख, ब्राजील में 5.63 लाख एक्टिव मरीज हैं. भारत में ऐसे मरीजों की संख्या 4.46 लाख है. दुनिया में अब तक कोरोना के 6 करोड़ 31 लाख 64 हजार 883 मामले सामने आ चुके हैं. 14 लाख 66 हजार 27 लोगों की मौत हो चुकी है.मॉडर्ना ने दी खुशखबरी: मॉडर्ना के चीफ एक्जीक्यूटिव स्टीफन बैंसेल ने एक इंटरव्यू में बताया कि अगर वैक्सीन के लिए मंजूरी मिल जाती है और सब कुछ ठीक रहा तो इसका पहला डोज 21 दिसंबर तक दिया जा सकता है. मॉडर्ना ने यह वैक्सीन US नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ की मदद से तैयार की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस खबर पर खुशी जताई है.बैंसेल ने उम्मीद जताई कि कि 2020 के आखिर तक mRNA-1273 वैक्सीन के अमेरिका में लगभग 2 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे. कंपनी 2021 तक 50 करोड़ से एक अरब तक डोज बनाने की तैयारी कर रही है. एक शख्स को दो डोज की जरूरत होगी. इस लिहाज से इस साल एक करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा सकेगी.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.