सरकार अब अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करेगी। इसके लिए राज्य स्तर पर अभियान चलेगा। एवं भूमि सुधार विभाग की मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में अंचलाधिकारियों को अतिक्रमण मुक्ति अभियान की कमान सौंपी गई।बैठक की अध्यक्षता कर रहे विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में फिलहाल सरकारी भूमि के अतिक्रमण के 2689 मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैसरे हिंद एवं खास महल के अलावा विभिन्न विभागों की जमीन पर अतिक्रमण है। इसके चलते निर्माण में परेशानी हो रही है। विभाग ने माना कि अतिक्रमण को बढ़ावा देने में सरकारी सेवकों का भी हाथ रहता है।इससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिला पदाधिकारियों को पत्र लिख कर हरेक सरकारी विभाग से एक जिला स्तरीय नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया है। संबंधित विभाग की जमीन पर अगर कोई अतिक्रमण है तो उसे खाली कराने के लिए अंचलाधिकारी के न्यायालय में अतिक्रमणवाद दायर करने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के नोडल पदाधिकारी की है। समीक्षा में पाया गया कि इस दिशा में विशेष प्रगति नहीं हुई है। अतिक्रमण के मामले बड़ी संख्या में विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। अपर मुख्य सचिव ने इन मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निबटारे का आदेश दिया।
पुष्कर पराग की रिपोर्ट.