दिल्ली. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर कृषक नेताओं के साथ गुरुवार को केंद्र की अगले दौर की वार्ता से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे. सूत्रों ने बताया कि सिंह गतिरोध का सौहार्द्रपूर्ण हल ढूंढने के लिए गुरुवार सुबह को दिल्ली में शाह के साथ चर्चा करेंगे.पंजाब के मुख्यमंत्री और उनकी कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है और पंजाब विधानसभा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक भी पारित किये हैं. वैसे सिंह ने कहा था कि वह और उनकी सरकार सभी के सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.प्रदर्शनकारी किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और सरकार से नये कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनमें से ज्यादातर किसान पंजाब से हैं. किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच गुरुवार को अगले दौर की बातचीत होने वाली है. इससे पहले मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच वार्ता बेनतीजा रही थी.सितंबर में ये तीनों कानून बनाये गये थे और सरकार का दावा है कि उनसे बिचौलिये हटेंगे एवं किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पायेंगे तथा कृषि क्षेत्र में सुधार आयेगा. किसानों को डर है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी तथा मंडी खत्म हो जाएंगे. हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी तथा नये कानून किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए और विकल्प उपलबध करायेंगे.एआईएमटीसी ने भी दी आंदोलन की धमकी.उधर, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों की बढ़ती तादाद के बीच ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए उत्तर भारत में आठ दिसंबर से परिचालन बंद करने की बुधवार को धमकी दी. एआईएमटीसी लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और अन्य संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है.केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों के बीच गुरुवार को दूसरे चरण की बातचीत होने से पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक कर नए कृषि कानूनों से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के उपायों पर चर्चा की.तोमर, गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मंगलवार को किसान नेताओं के साथ बातचीत के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया था. अपने ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत किसान अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के चार व्यस्त सीमा मार्गों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन स्थानों पर पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है.
निखिल की रिपोर्ट.