पार्ट १२ : कहां गए वो दिन, मेरी बेटी की शादी की बात चल रही थी। लड़का IIT Delhi/IIM Ahmedabad का ग्रेजुएट और बड़ी अंतर-राष्ट्रीय कम्पनी में काम कर रहा था। पिताजी भी IPS पदाधिकारी और बिहार के गया ज़िले के ही रहने वाले।मुझे यह रिश्ता अच्छा लगा। मैंने बात करनी शुरू की। पिताजी से मुलाकात नहीं हुई थी। जानकारी प्राप्त हुई कि वह सरकारी कार्यवश पटना आ रहे हैं। मौका देख, उनसे संपर्क साधा और जानकारी मिली कि वह ट्रेन से आ रहे हैं।मैंने उन्हें बताया कि मैं उन्हें लेने पटना रेलवे स्टेशन पर आ जाऊँगा। उन्होंने मना किया यह कह कर कि उनकी सरकारी गाड़ी उन्हें लेने आएगी।फिर भी मैं बिना बताये ही उन्हें लेने चला गया।गाड़ी लगी प्लेटफार्म पर। मैं उन्हें ढूंढने लगा क्योंकि डिटेल्स पता नहीं था। वे दिखे। अपना बैग हाथ में लिए, 3 टियर स्लीपर के साधारण डब्बे से निकलते हुए। यह मेरी मुलाकात थी संयुक्त निदेशक IB श्री दिनेश्वर शर्मा IPS से। यही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने 2017 में PM से डायरेक्टर IB के पद पर एक्सटेंशन को यह कहकर ठुकरा दिया कि यह उनसे कनीय पदाधिकारियों का मनोबल छोटा कर देगा जो उस पद के योग्य हैं।श्रद्धांजलि पुण्यात्मा मेरे समधी दिनेश्वर जी को अभयानंद.
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट.