लुधियाना: देश में चल रहे किसान आंदोलन को सभी वर्गों की ओर से समर्थन मिल रहा है। बीती शाम लुधियाना कि एतिहासिक जामा मस्जिद में शहर की विभिन्न मस्जिदों व मुस्लिम संस्थाओं की एक विशेष मीटिंग शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी की अध्यक्षता में की गई। इस अवसर पर मस्जिदों के इमाम साहिबान, प्रधान साहिबान और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से संबंध रखने वाले मुस्लिम लीडर उपस्थित हुए। मीटिंग में किसान आंदोलन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और यह फैसला लिया गया की नए खेती कानून का डट कर विरोध किया जाएगा और किसान भाईयों का हर जगह साथ दिया जाएगा। मीटिंग को संबोधित करते हुए शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने कहा कि लोकतंत्र में सब को अपनी बात रखने का हक है जिसे छीना नहीं जा सकता।
शाही इमाम ने कहा कि हम किसान जत्थेबंदियों द्वारा 8 दिसम्बर के भारत बंद का समर्थन करते हैं। उन्होंने ऐलान किया कि 8 दिसम्बर को लुधियाना जामा मस्जिद से जगराओं पुल तक एक विशाल रोष मार्च केंद्र सरकार के खिलाफ निकाला जाएगा, जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस रोष मार्च में लुधियाना के जिला अधिकारी को भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी के नाम का ज्ञापन भी सौंपा जाएगा, जिसमें यह मांग की जाएगी कि किसान विरोधी कानून रद्द किया जाऐ।
शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने कहा कि दुख कि बात है कि अपने हक के लिए किसान लाखों कि संख्या में सड़कों पर बैठे हैं और केंद्र सरकार तारीख पर तारीख डाल रही है, और आए दिन किसान आंदोलन को कमजोर करने की नापाक कोशिश की जा रही हैं।
शाही इमाम ने कहा कि संप्रदायक ताक़ते किसी भी गलतफहमी में ना रहें आज़ाद भारत में किसी के साथ गुंडागर्दी की इजाजत नहीं दी जा सकती। शाही इमाम ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने इस देश को अंग्रेजों से आज़ाद करवाने के लिए बहुत कुबार्नियां दी है, हम भी देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए हमेशा कुर्बानी देते रहेंगे। इस मौके पर शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान, मौलाना उस्मान लुधियानवी, मुस्तकीम लुधियानवी, मोहम्मद शहजाद, रियाजुद्दीन, खालिद, अनस भाई, रिजवान अहमद, सिराज अहमद, सद्दाम हुसैन एव विभिन्न मस्जिदों व मुस्लिम संस्थाओं के सदस्य मौजूद रहे।
जिला संवाददाता/शशिकान्त मिश्रा