चुनाव आयोग जल्द ही वोटर कार्ड को डिजिटल फॉर्मेट में तब्दील करने की योजना पर काम कर रहा है. आसान शब्दों में समझें तो आने वाले समय में वोटर्स आधार कार्ड की तरह वोटर आईडी कार्ड को भी डिजिटल फॉर्मेट में अपने पास रख सकेंगे. हालांकि, मौजूदा फिजिकल कार्ड भी वोटर्स के पास रहेगा. मौजूदा वोटर कार्डहोल्डर्स को वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिये केवाईसी कराने पर ही ये सुविधा मिलेगी. चुनाव आयोग का मकसद मतदाताओं को इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराना है.सर्विस वोटर्स के लिए फायदेमंद साबित होगी नई व्यवस्था.चुनाव आयोग के फैसले के बाद नए मतदाता अपना वोटर कार्ड इंटरनेट से डाउनलोड कर सकेंगे. यही नहीं, इस डिजिटल कार्ड के जरिये वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल भी कर पाएंगे. इसके अलावा मतदाताओं को वोटर कार्ड मिलने में देरी के कारण होने वाली परेशानियों से भी निजात मिल जाएगी. वहीं, चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में दर्ज सर्विस वोटर्स के लिए भी ये काफी फायदेमंद साबित होगा. सर्विस वोटर्स इस फैसले के बाद ईपीआईसी डिजिटल फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकेंगे.ओवरसीज वोटर्स को भी मिलेगी डिजिटल कार्ड की सुविधा.आयोग के फैसले के बाद रिकॉर्ड में दर्ज ओवरसीज मतदाता भी डिजिटल वोटर कार्ड सुविधा का लाभ ले पाएंगे. हालांकि, अभी विदेश में रहने वाले भारतीयों को मतदान की सुविधा नहीं दी गई है. चुनाव आयोग ने इसको लेकर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा है. ओवरसीज भारतीयों को वोटर कार्ड भी जारी नहीं किया जाता है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद ओवरसीज वोटर्स भी अपना ईपीआईसी यानी डिजिटल वोटर कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे. अगर किसी वोटर ने दूसरी जगह शिफ्ट किया है और वह नई जगह का मतदाता बनना चाहता है तो आवश्यक प्रक्रिया का पालन कर इस सुविधा के जरिये नया वोटर कार्ड डाउनलोड कर सकेगा.कार्ड में दिए क्यूआर कोड के आधार पर कर सकेंगे मतदान.दरअसल, वोटर कार्ड के डिजिटल फॉर्म में दो QR कोड होंगे और इसी कोड की जानकारियों के आधार पर इंटरनेट से डाउनलोड किए गए वोटर कार्ड के जरिये मतदाता वोट कर सकेगा. एक QR कोड में मतदाता का नाम, पिता का नाम, उम्र, लिंग से जुड़ी जानकारी के अलावा मतदाता का फोटो होता है तो दूसरे में मतदाता का पता, सूची में क्रम संख्या के अलावा दूसरी जानकारियां होती हैं. चुनाव आयोग की तैयारी पूरी है और इस पर मुहर लगने के बाद अगले साल होने वाले 5 राज्योंं के विधानसभा चुनाव से पहले देशभर के मतदाताओं को ये सुविधा मिल सकती है.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.