सोनपुर, 19 दिसंबर.भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह माघ पंचमी के दिन बाबा हरिहर नाथ मंदिर के पेज पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें लोकगायिका नीतू कुमारी नवगीत ने भगवान श्री राम और माता जानकी के मिलन और विवाह से जुड़े अनेक लोक गीतों की प्रस्तुति की । मंगल वंदना से अपने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए नीतू कुमारी नवगीत ने पुष्प वाटिका प्रसंग पर आधारित गीत -देखकर रामजी को जनक नंदिनी बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई, राम देखे सिया को सिया राम को चारो अँखिया लड़ी की लड़ी रह गई गीत पेश किया । इसी वाटिका प्रसंग पर आधारित राजा जनक जी के बाग में अलबेला रघुवर आयो जी को भी बड़े शानदार ढंग से लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने पेश किया । सीता स्वयंवर में राम जी द्वारा धनुष तोड़ दिए जाने और राजा जनक की शर्त पूरी करने के बाद चारों ओर खुशी का माहौल फैल गया था । चारों भाइयों के बारात लेकर राजा दशरथ मिथिला आए थे । जब बारात निकली तो मिथिला की नारियों ने गाया था- आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया । कार्यक्रम में लोकगीत में मड़वा का गीत आज जनकपुर में मड़वा बड़ा सुहावन लागे गाकर सुनाया जो सबको पसंद आया । शादी के समय गारी गीत गाने की प्रथा रही है । मिथिला की परंपरा के अनुसार राम जी से भी महिलाओं ने पूछा था- राम जी से पूछे जनकपुर के नारी बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी बता द बबुआ । कार्यक्रम में नीतू नवगीत ने कहवाँ से सिया दुल्हनिया परेला झिर झिर बुनिया की भी मनभावन प्रस्तुति की । विवाह उपरांत जब भगवान श्री राम जनकपुर से जाने की तैयारी कर रहे थे तो मिथिला के लोगों ने बड़े ही प्यार से उनको रोका था । नीतू नवगीत ने इस अवसर का गीत गाया- ए पहुना जी मिथिले में रहूँ ना, जय सुखवा है ससुरारी में वह सुखवा है कहीं ना ए पहुना जी मिथिले में रहूँ ना । कार्यक्रम में भोला कुमार ने नाल पर, मनोज कुमार में हारमोनियम पर और मुन्ना कुमार ने खंजरी पर संगत किया । कार्यक्रम में बाबा हरिहर नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव विजय कुमार लल्ला, कोषाध्यक्ष निर्भय सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया ।
शैलेश तिवारी की रिपोर्ट.