हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ने की घोषणा की है, बेनीवाल ने केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि देशभर का किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से सड़क पर हैं।राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के अध्यक्ष सांसद हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ने की घोषणा की है। बेनीवाल ने केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि देशभर का किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से सड़क पर हैं। किसान तेज सर्दी में सड़क पर बैठे हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। बेनीवाल ने कहा कि किसान और जवान मेरी ताकत है। इसके कारण ही हमारी पार्टी के प्रदेश में तीन विधायक और मैं खुद सांसद हूं। अपने समर्थकों के साथ शनिवार दोपहर बाद जयपुर के कोटपुतली से किसानों के जुलूस के साथ शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पहुंचे बेनीवाल ने कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं, हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि तीनों कानून निरस्त नहीं किए जाते तो आंदोलन को तेज करेंगे। लोकसभा चुनाव में बेनीवाल एनडीए में शामिल हुए थे। वे नागौर से सांसद हैं, भाजपा ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने भी प्रदेश की सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया था। उल्लेखनीय है कि बेनीवाल ने दो लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच की घोषणा की थी, लेकिन करीब सात-आठ हजार किसान ही उनके साथ कोटपुतली से शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर तक गए। बॉर्डर पर पहुंचकर उन्होंने सभा की। उधर, पिछले 14 दिन से से बॉर्डर पर पड़ाव डालकर बैठे किसानों से दूर बेनीवाल के समर्थकों ने अलग पांडाल डाला। पहले से पड़ाव डालकर बैठे किसान नहीं चाहते थे कि बेनीवाल उनके साथ आए। इस कारण बेनीवाल ने अलग पांडाल डालकर सभा की। उनके समर्थक अब वहीं डटे रहेंगे। बॉर्डर पर योगेंद्र यादव व किसान महापंचात के अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में किसान पड़ाव डालकर बैठे हैं। माकपा के नेता भी अपने समर्थकों के साथ यहीं जमे हुए हैं।
अनूप मिश्रा की रिपोर्ट.