प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के राजकोट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी. पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना वायरस और उसकी वैक्सीन पर भी बात की. उन्होंने देश को जानकारी दी कि कोरोना वायरस की वैक्सीन निर्माण के अंतिम चरणों में है. वैक्सीन जल्द आने वाली है. हम टीकाकरण को सफल बनाएंगे.पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले हमारा हेल्थ सेक्टर अलग अलग दिशा में, अलग अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था. प्राइमरी हेल्थ केयर का अपना अलग सिस्टम था, गांव में सुविधाएं न के बराबर थी. हमने हेल्थ सेक्टर में होलिस्टिक तरीके से काम शुरू किया. हमने जहां एक तरफ प्रिवेंटिव केयर पर बल दिया, वहीं इलाज की आधुनिक सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी.आइये जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें…पीएम मोदी ने कहा कि 2020 ने हमें सिखाया कि स्वास्थ्य ही संपदा है. यह पूरा साल चुनौतियों भरा रहा. कोरोना वैक्सीन की तैयारी अब आखिरी फेज में है। नया साल इलाज की उम्मीद लेकर आ रहा है. नए साल में हम दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सिनेशन प्रोग्राम चलाने की तैयारी कर रहे हैं.मोदी ने कहा, ‘कोरोना की वैक्सीन जल्द आने वाली है. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए ढिलाई नहीं बरतनी है. मैंने पहले कहा था- दवाई नहीं तो ढिलाई नहीं, अब मैं कहा रहा हूं- दवाई भी और कड़ाई भी. यह 2021 के लिए हम लोगों का मंत्र होगा.’पीएम मोदी ने कहा, ‘साल 2020 को एक नई नेशनल हेल्थ फैसिलिटी के साथ विदाई देना, इस साल की चुनौती को भी बताता है और नए साल की प्राथमिकता को भी दर्शाता है. भारत में बनी वैक्सीन हर जरूरतमंद तक पहुंचे, इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में हैं.पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, ‘यह साल पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों से भरा रहा है. स्वास्थ्य ही संपदा है. स्वास्थ्य पर जब चोट होती है तो जीवन का हर पहलू प्रभावित होता है. पूरा सामाजिक दायरा उसकी चपेट में आता है. इसलिए साल का ये अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टर्स, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को याद करने का है. कर्तव्य पथ पर जिन साथियों ने अपना जीवन दे दिया है, उन्हें मैं सादर नमन करता हूं.’पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने जहां गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम किया. वहीं इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो. आज हेल्थ और वैलनेस को लेकर देशभर में एक सतर्कता आई है, गंभीरता आई है. शहरों के साथ ही दूर-दराज के गांवों में भी ये सतर्कता हम देख रहे हैं.’मोदी ने कहा, ‘आज बीमारी ग्लोब्लाइज हो रही हैं. इसलिए इन बीमारियों से निपटने के लिए हमें भी एकजुट होना पड़ेगा. हमें साथ काम करना होगा. आज भारत के पास क्षमता भी है और सेवा की भावना भी है. इसलिए भारत ग्लोबल हेल्थ का नर्व सेंटर बनकर उभरा है.’पीएम मोदी ने कहा, ‘कोरोना महामारी को रोकने के लिए भारत ने एकजुटता के साथ सही समय पर सही कदम उठाए. भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर है.पीएम मोदी ने कहा, ‘कोरोना महामारी को रोकने के लिए भारत ने एकजुटता के साथ सही समय पर सही कदम उठाए. भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर है.पीएम मोदी ने कहा कि भारत फ्यूचर ऑफ हेल्थ और हेल्थ फॉर फ्यूचर, दोनों में ही सबसे महत्त्वपूर्ण रोल निभाने जा रहा है. जहां दुनिया को मेडिकल प्रोफेशनल्स भी मिलेंगे, उनका सेवाभाव भी मिलेगा.पीएम ने कहा कि साढ़े 3 लाख से ज्यादा गरीब मरीजों को हर रोज इन केंद्रों का लाभ मिल रहे है. सस्ती दवाओं की वजह से गरीबों के हर साल औसतन 3600 करोड़ रुपये खर्च होने से बच रहे हैं.
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट.