मेरी ईश्वर से कामना है कि यह नव वर्ष आप सभी के जीवन में सुख-समृद्धि, खुशहाली एवं हर्षोल्लास लेकर आए।यों तो हम अपना नववर्ष तीन महीने बाद मनाएँगे ! किंतु आंग्ल-नववर्ष भी मना लेते हैं ! उपरोक्त कविता के साथ अपनी एक ग़ज़ल की इन पंक्तियों से नववर्ष की बधाई देता हूँ कि “ख़ुशियाँ सभी मुबारक तुझको, ग़म शायर के हिस्से में / ख़ार हमारे फूल तुम्हारे, हिस्से आएँ नए साल में : डा अनिल सुलभ