आधार-SMS और डिजीलॉकर… वैक्सीनेशन के लिए बनाए गए CoWIN ऐप की 10 खास बाते.दुनिया के 18 देशों में कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके बाद अब जल्द ही भारत में यह प्रक्रिया शुरू होने वाली है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल गया है. सरकार के मुताबिक, 13 जनवरी से वैक्सीन की पहली डोज दी जा सकती है. वैक्सीनेशन के पूरे प्रोसेस की जानकारी के लिए केंद्र सरकार की ओर से CoWIN ऐप को जल्द लॉन्च किया जाएगा. इस ऐप के जरिए कोविड-19 वैक्सीन के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे. CoWIN ऐप गूगल प्ले स्टोर पर बिल्कुल मुफ्त होगा और यूजर्स इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं.आधार प्रमाणीकरण और करीब 12 भाषाओं में वैक्सीन लेने की पुष्टि के SMS, ये वे खास फीचर्स हैं तो जो लाखों लोगों को कोविड-19 का वैक्सीन देने के लिए भारत की ओर से विकसित किए जा रहे CoWIN APP में होंगे. इस ऐप के जरिए किसी शख्स के वैक्सीन लेने के बाद किसी भी संभावित साइड इफेक्ट पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी.कोविड-19 का वैक्सीनेशन तीन चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे. इसके बाद इमरजेंसी वर्कर्स का वैक्सीनेशन होगा. वहीं, तीसरे चरण में वैसे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उनका वैक्सीनेशन किया जाएगा. एक व्यक्ति के वैक्सीनेशन का समय लगभग 30 मि.का होगा. CoWIN पर रजिस्ट्रेशन करने से पहले इस ऐप को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड करना होगा. इसके बाद पूरी ज़रूरी जानकारी डालकर अपना नाम रजिस्टर करना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे आइडेंटिटी कार्ड जरूरी होंगे.हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर को Cowin ऐप पर रजिस्टर कराने की ज़रूरत नहीं होगी, इनका डेटा पहले ही सरकार के पास है.वैक्सीनेशन में लगे हेल्थवर्कर्स और लोगों को जानकारी देने के 12 भाषाओं में SMS भेजे जाएंगे. इस ऐप पर अपना नाम रजिस्टर करने के बाद वेरिफिकेशन के लिए टाइमिंग और डेट के बारे में भी आपसे जानकारी ली जाएगी.CoWIN ऐप के जरिए आप यूनिक हेल्थ आईडी भी जनरेट कर सकते हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पूरा करने के बाद ऐप पर दी गई गाइडलाइन्स जरूर पढ़ लें.गवर्नमेंट डॉक्यूमेंट एप DigiLocker को भी QR कोड बेस सर्टिफिकेट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए 24×7 हेल्पलाइन होगी. वैक्सीन लगवाकर एक QR कोड सर्टिफिकेट भी मिलेगा, जिसे सेव करके रखा जा सकता है.सरकार की ओर जानकारी दी गई कि कोविन ऐप के सॉफ्टवेयर को चेक करने के लिए अलग-अलग स्तर पर कई बार पूर्वाभ्यास किया गया है. 700 जिलों में 90 हजार से ज्यादा लोगों को सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई है.जहां तक प्राथमिकता वाले उम्र वर्ग की बात है तो उन्हें कोविन ऐप में ऑटोमेटिक तरीके से सेशन निर्धारित कर दिया जाएगा. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट टीकाकरण कार्यक्रम की तारीख निर्धारित करेंगे.स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सभी राज्यों के 125 जिलों में 285 सेशन कोविन ऐप के आयोजित किए गए. पूर्वाभ्यास में मिले फीड बैक के आधार पर मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन को मंजूरी मिलने के 10 दिनों के भीतर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो सकता है.कोविन ऐप में छोटे-छोटे बग्स पाए गए हैं, जिनका समाधान कर दिया गया है. सभी राज्यों ने ऐप के जरिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम चलाने और संचालन गाइडलाइंस के प्रति पूर्ण विश्वास प्रकट किया है.देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम पांच सिद्धातों पर आधारित होगा. तकनीक के आधार पर लागू करना, एक साल या अधिक समय की तैयारी, मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं से कोई समझौता नहीं, चुनावों व यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन कार्यक्रमों के अनुभव का लाभ लिया जाए.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.