किसान आज निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च, दिल्ली पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइज़र. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए 3 कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है. एक महीने से भी अधिक समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटकर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि ये कानून वापस लिए जाएं. सरकार से उनकी सात दौर की वार्ता असफल रह चुकी है. 8 जनवरी को एक बार फिर 8वें दौर की वार्ता होनी है. इससे पहले किसान गुरुवार को शक्ति प्रदर्शन के रूप में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. इसके जरिये वे सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे. गुरुवार को किसान सुबह 11 बजे दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और हरियाणा-राजस्थान सीमा के शाहजहांपुर से कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे के लिए ट्रैक्टर रैली आयोजित करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों द्वारा गुरुवार को निकाली जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा को देखते हुए आम यात्रियों के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल पर मार्ग परिवर्तन किया गया है. यह जानकारी पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रवक्ता ने दी.भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली जाएगी. ट्रैक्टर यात्रा इस्टर्न पेरीफेरल रोड पर गाजियाबाद के दुहाई, डासना व गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल जाएगी और फिर वहां से वापस आएगी.पुलिस ने बताया कि इस दौरान गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर 12 बजे से दिन के अपराह्न तीन बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे. इनको डाइवर्ट किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर दो बजे से पांच बजे तक ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे. उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा.भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ तरुण भारद्वाज ने बताया कि नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान गुरुवार को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. उन्होंने बताया कि किसान कल चिल्ला से ट्रैक्टर रैली निकालते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरना स्थल पर पहुंचेंगे. बता दें कि सरकार और किसान संगठनों के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से चला आ रहा गतिरोध सातवें दौर की वार्ता के बाद भी समाप्त नहीं हो सका है.किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार उन्हें इनके फायदे गिना रही है. अब सरकार और किसान नेताओं के बीच 8 जनवरी को 8वें दौर की वार्ता होनी है. लगभग चार घंटे चली बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, ‘आज की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया. सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ जनवरी को फिर से वार्ता होगी.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.