एक ओर बिहार में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा नेताओं में भारी उत्साह देखने को मिल रही है तो वहीं, दूसरी ओर उन्हें एमएलसी चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बता दें कि बिहार में विधान परिषद की दो सीटों पर 28 जनवरी को चुनाव होना है जिनमें एक सीट भाजपा से छिनना तय है। माना को यह भी जा रहा है कि यह सीट राजद की झोली में जा सकती है। दरअसल, यह दोनों सीटें भाजपा के खाते की हैं लेकिन मौजूदा विधायकों की संख्या के चलते भाजपा अपनी एक सीट गंवा देगी।
गौरतलब है कि बिहार विधान परिषद में 2 सीटें खाली हैं। पहली सीट जहां बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी के राज्यसभा सदस्य चुने जाने से खाली हो गई है तो वहीं, दूसरी सीट खाली होने की वजह विनोद कुमार झा को माना जा रहा है, जो अब विधायक चुने जा चुके हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विधान परिषद में सीटों पर एमएलसी का चुनाव विधानसभा में विधायकों के संख्या बल के आधार पर होता है… जिसके तहत विधान परिषद की सीटें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बंट जाती है। यही कारण है कि 28 जनवरी को होने वाले चुनाव में भगवा पार्टी को अपनी एक सीट गंवानी पड़ सकती है क्योंकि सत्तापक्ष की ओर से भाजपा अपना कोई प्रत्याशी उतार सकती है, क्योंकि यह सीट उसके कोटे से खाली हुई है।
बताते चलें कि इसका सीधा फायदा विपक्ष को मिल सकता है क्योंकि दूसरी सीट पर विपक्ष दावेदारी करेगा। माना तो यह भी जा रहा है कि राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है और ऐसे में वह अपना प्रत्याशी ज़रूर से उतार सकती है।
प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर.