चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में कविवर सुरेन्द्र नाथ सक्सेना जयंती का भव्य आयोजन हुआ. दिनांक 9 जनवरी, 2021 को कविवर सुरेन्द्र नाथ सक्सेना की जयंती के अवसर पर चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में एक आनलाइन काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा. अनिल सुलभ ने की और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा (गुरुग्राम) के ख्यातिनाम कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से कविवर सुरेन्द्र नाथ सक्सेना को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संयोजन राची की सुपरिचित कवयित्री मनीषा सहाय सुमन और कविवर सुरेन्द्र के ज्येष्ठ पुत्र तुषार सक्सेना ने किया और मंच संचालन कवि पीयूष कांति द्वारा किया गया। चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के सचिव श्री कमलनयन श्रीवास्तव ने कविवर सुरेन्द्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने उद्गार व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारंभ कवयित्री सुरिंदर कौर नीलम ने मां वाणी की वंदना गाकर किया। पटना से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार श्री घनश्याम और मधुरेश शरण ने गज़ल और गीतों से काव्य संध्या को सजाया और रांची से जुड़े रांची विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. जंग बहादुर पांडे, सारिका भूषण और युवा गीताकार अशोक कुमार प्रामाणिक ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। गुरुग्राम के चिकित्सक और शायर डा. गुरविंदर बांगा ने अपने लाजवाब शेरों से सामाजिक विसंगतियों को उजागर किया और गाजियाबाद से जुड़े युवा शायर मयंक राजेश ने तरन्नुम में बेहतरीन गज़लें सुनाई। डा.अनिल सुलभ ने अपने गीत गज़लों के माध्यम से पुण्य श्लोक कविवर सुरेन्द्र नाथ सक्सेना को श्रद्धांजलि दी। उन्होने कहा कि वह कविवर सुरेन्द्र के जीवन-वृत और कृतित्व को बिहार के मूर्धन्य साहित्यकारों पर लिखी जा रही अपने रचना में सम्मिलित करेेंगे और वह बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के माध्यम से उनकी रचनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध हैं। मनीषा सहाय सुमन ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी साहित्यकारों और श्रोताओं को धन्यवाद दिया।