तीन नये कृषि कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करेंगी. इस बार के बजट में खेती-किसान को लेकर खास ऐलान किए जाने की संभावना है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बजट में सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत मिलने वाले 6,000 रुपये सालाना को बढ़ाने का ऐलान कर सकती है. इस बार के बजट में किसानों ने मोदी सरकार से इस रकम को बढ़ाने की भी मांग की है. उनका कहना है कि 6,000 रुपये सालाना की रकम पर्याप्त नहीं है. वित्त वर्ष 2019-20 में कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन का अनुमान करीब 1.51 लाख करोड़ रुपये रहा था, जोकि अगले साल यानी वित्त वर्ष 2020-21 में मामूली बढ़त के साथ 1.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.ग्रामीण विकास और कृषि सिंचाई के लिए भी सरकार ने बढ़ाई आवंटन राशि.इसके अलावा भी ग्रामीण विकास के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में 1.44 लाख करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था. इसके पहले वित्त वर्ष (2019-20) में यह 1.40 लाख करोड़ रुपये था. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत आवंटन की राशि को 2019-20 के 9,682 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2020-21 में 11,217 करोड़ रुपये कर दिया था.पर्याप्त नहीं हर महीने 500 रुपये.किसानों का कहना है कि पीएम-किसान स्कीम के तहत प्रति महीने 500 रुपये की रकम पर्याप्त नहीं है. एक एकड़ जमीन में धान की फसल में 3-3.5 हजार रुपये लगते हैं. वहीं, अगर गेहूं की खेती की जाए तो इसमें 2-2.5 हजार रुपये लगते हैं. ऐसी स्थिति में थोड़ी ज्यादा ज़मीन रखने वाले किसानों को इस स्कीम से लाभ नहीं मिल रहा है. सरकार को यह रकम बढ़ानी चाहिए ताकि किसानों को कुछ और राहत मिल सके.9 करोड़ किसानों के खाते में सातवीं किस्त पहुंची.पीएम-किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार द्वारा 100 फीसदी फंड पाने वाली स्कीम है. केंद्र सरकार ने दिसंबर 2018 से इस योजना को शुरू किया था, जिसके तहत छोटे एवं सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं. इस स्कीम का लाभ वही किसान उठा सकते हैं, जिनके पास कुल 2 हेक्टेयर से ज्यादा की ज़मीन नहीं है. राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश इस स्कीम के तहत योग्य किसानों की पहचान करते हैं. 25 दिसंबर 2020 को ही पीएम मोदी ने करीब 9 करोड़ किसानों के खाते में करीब 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया है.किसे मिल सकती है इस स्कीम के तहत लाभ और किसे नहीं. ऐसे किसान जो भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक हैं, वर्तमान या पूर्व मंत्री हैं, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद हैं तो वे इस स्कीम से बाहर माने जाएंगे. भले ही वो किसानी भी करते हों. केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को लाभ नहीं. बाकी पात्र होंगे. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा. केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों लाभ मिलेगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान इस लाभ से वंचित होंगे.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.