केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर दिल्ली की दहलीज पर चल रहे किसान आंदोलन का आज 56वां दिन है. 9 दौर की बैठक के बाद भी किसानों और सरकार के बीच बात नहीं बन पाई है. इस बीच आज एक बार फिर किसान संगठन और सरकार आमने सामने होंगे. केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में 10वें दौर की बैठक होनी है. इस बैठक से पहले ट्रैक्टर परेड रोकने की दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 12 बजे सुनवाई होगी. वहीं, आज दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तीसरी बार संयुक्त किसान मोर्चा के साथ सुबह 11 बजे बैठक करेंगे.किसानों ने 23-24 जनवरी को किसान संसद का आयोजन करने का ऐलान किया है. यह आयोजन सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किया जाएगा. इसमें आंदोलन से जुड़े मुद्दों और मिनिमम सपोर्ट प्राइज पर बात होगी. सुप्रीम कोर्ट के कुछ रिटायर्ड जज, कुछ पूर्व सांसद, पत्रकार पी साईंनाथ, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण इसमें शामिल होंगे.सरकार ने यह दावा किया कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं और कहा कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो इसमें अड़चनें आती हैं. सरकार ने कहा कि मामले को सुलझाने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि किसान नेता अपने हिसाब से समाधान चाहते हैं. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले कई हफ्ते से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता आज होगी. बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में शुरू होगी. सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछली बैठक बेनतीजा रही थी. केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है.किसानों ने 23-24 जनवरी को किसान संसद का आयोजन करने का ऐलान किया है. यह आयोजन सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किया जाएगा. इसमें आंदोलन से जुड़े मुद्दों और मिनिमम सपोर्ट प्राइज पर बात होगा.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.