दिल्ली -पटना डेस्क (आरा) – लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा ने कहा 1950 के आँडर में बिहार के (Lohara) लोहार को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण मिला है जो संसोधन अधिनियम 1976/108 से लोहार-लोहरा बिहार ST सूची 22 नम्बर पर अंकित हैं। बिहार लोहार का यह अधिकार संवैधानिक हैं जिसे छेड़ छाड़ करना दण्डनीय अपराध हैं जिसे 2006 में लोहारा लिखा जो हिन्दी मे लोहारा कोई जाति ही नही है। अब यह लोहारा को 2016 में केंद्रीय सरकार निरशन और संशोधन कर दिया जिसका आरक्षण का लाभ मिल रहा है। मगर पुनः बिहार ST सूची 22 पर लोहार अंकित के प्रक्रिया में मन्त्रालय फुटबॉल के तरह पांच वर्ष से नचा रहा है। विगत 18 तारीख से लोहार विकास मंच का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली में मंत्रालयों का चक्कर काट रहा है। बिहार के कदावर नेता नित्यानन्द राय से मिला है तथा जनजाति मंत्री से मिला साथ ही और अधिकारियों से मिला सिर्फ आश्वासन मिल। मगर काम अधूरा है स्थिति बता रही है कि अधिकारी राजनीति दबाव में लोहार विरुद्ध काम कर रहे हैं। वही ओबीसी सूची से बिहार सरकार लोहार को डिलीट कर दिया है। मगर केंद्रीय सूची से डिलीट करवाने को केंद्रीय ओबीसी चेयरमैन भगवान लाल साहनी से प्रतिनिधि मंडल मिला है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा हमारा समाज भाजपा से बहुत मोहब्बत करता है हम विरोध में नही जाना चाहते मगर रद्द कानून के आलोक में केंद्रीय सरकार जल्द लोहार का हिंदी सुधार करे वरना जान की क्षति होती हैं तो सरकार और अधिकारी जिमेवार होंगे आने वाला समय मे हम सरकार का विरोध भी करेंगे।प्रतिनिधि मंडल में झारखंड से राम सिहशन शर्मा, कुंदन शर्मा, कैलास ठाकुर, दिनेश शर्मा गणेश ठाकुर लाल बाबु ठाकुर बिजय ठाकुर तथा अन्य लोग मौजूद थे।
रामशंकर की रिपोर्ट.