महिला काव्य मंच के तत्यावधान में आयोजित ऑनलाइन काव्य पाठ संपन्न हुआ। सर्वप्रथम अध्यक्षीय उद्बोधन आदरणीय डॉ मीना कुमारी परिहार जी ने कुछ शब्दों के साथ इस गोष्ठी की पिछले गत शुक्रवार महिला काव्य मंच के तत्यावधान में आयोजित ऑनलाइन काव्य पाठ संपन्न हुआ। सर्वप्रथम अध्यक्षीय उद्बोधन आदरणीय डॉ मीना कुमारी परिहार जी ने कुछ शब्दों के साथ इस गोष्ठी की शुरुआत की। इसके उपरांत महिला काब्य मंच की अध्यक्षा डॉ मीना कुमारी परिहार जी एवं महासचिव राज प्रिया रानी जी ने सम्मिलित सराहनीय मंच संचालन किया। दोनों के शानदार मंच संचालन ने इस गोष्ठी में चार चांद लगा दिए। डॉ मौसमी सिन्हा जी ने मृदुल आवाज में मां शारदे का आह्वान से गोष्ठी की शुरुआत की। बारह विदुषी रचनाकारों ने काव्य गोष्ठी में सहभागिता ली। सभी कवित्रियों के एक से बढ़कर एक कविताओं की सरगम बारिश से महिला मंच को सराबोर करती रही। यह कार्यक्रम संध्या 7:00 बजे से प्रारंभ हुआ। हाड़ कंपाती सर्द में घर बैठे प्रतिभागी एक दूसरे की कविताओं का पूरा आनंद उठाया जिसमें डॉ प्रतिभा परासरनए वर्ष की शुभ बेला.. , डॉ मीना कुमारी परिहार बहुत मारुर हैं.. , ऋचा वर्मा _ हाड़ कंपाती.., डॉ मौसमी सिन्हा … चाहा है तुम्हे…, डॉ पूनम देवा बचपन हर ग़म.., राज प्रिया रानी…ओढ़नी में हर साज..,प्रेमलता सिंह__ सुख में..राज कांता राज__ खड़े रहते हैं…,अंजू भारतीबन कर दोस्त…रंजू सिन्हाकुछ लोग भूलकर भी..,स्वेता मिनीसुलझी अन्य सुलझी धागों…। इस्प्रकर काब्य गोष्ठी का समापन आदरणीया डॉ मीना कुमारी परिहार के धन्यवाद ज्ञापन के संबोधन के साथ हुआ। सभी ने भरपूर आनंद उठाया।
राज प्रिया रानी।शुरुआत की। इसके उपरांत महिला काब्य मंच की अध्यक्षा डॉ मीना कुमारी परिहार जी एवं महासचिव राज प्रिया रानी जी ने सम्मिलित सराहनीय मंच संचालन किया। दोनों के शानदार मंच संचालन ने इस गोष्ठी में चार चांद लगा दिए। डॉ मौसमी सिन्हा जी ने मृदुल आवाज में मां शारदे का आह्वान से गोष्ठी की शुरुआत की। बारह विदुषी रचनाकारों ने काव्य गोष्ठी में सहभागिता ली। सभी कवित्रियों के एक से बढ़कर एक कविताओं की सरगम बारिश से महिला मंच को सराबोर करती रही। यह कार्यक्रम संध्या 7:00 बजे से प्रारंभ हुआ। हाड़ कंपाती सर्द में घर बैठे प्रतिभागी एक दूसरे की कविताओं का पूरा आनंद उठाया जिसमें डॉ प्रतिभा परासरनए वर्ष की शुभ बेला.. , डॉ मीना कुमारी परिहार बहुत मारुर हैं.. , ऋचा वर्मा _ हाड़ कंपाती.., डॉ मौसमी सिन्हा … चाहा है तुम्हे…, डॉ पूनम देवा बचपन हर ग़म.., राज प्रिया रानी…ओढ़नी में हर साज..,प्रेमलता सिंह__ सुख में..राज कांता राज__ खड़े रहते हैं…,अंजू भारतीबन कर दोस्त…रंजू सिन्हाकुछ लोग भूलकर भी..,स्वेता मिनीसुलझी अन्य सुलझी धागों…। काब्य गोष्ठी का समापन. आदरणीया डॉ मीना कुमारी परिहार के धन्यवाद ज्ञापन के संबोधन के साथ हुआ। सभी ने भरपूर आनंद उठाया.
शैलेश तिवारी की रिपोर्ट.