देश के सामने गंभीर सवाल -लालकिला पर पहुंचने वाले किसान थे आतंकवादियों के एजेंट. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को दिखा दिया यह किसान नहीं किसान के रूप में आतंकवादी हैं. देश को फिर एक बार 20 24 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जरूरत है. जितने पत्रकारों के साथ आज हमला हुआ जितने पत्रकार घायल हुए. क्या कोई किसान कर सकता था. दिल्ली पुलिस ने बहुत ही साहस का परिचय दिया. का परिचय दिया. कोई भी भारत का नागरिक आजा नहीं सो सकता था के किसी भी धर्म का झंडा लाल किले पर आज कराया जाए. आज का दिन सिर्फ तिरंगा के लिए होता है. किसान संगठनों के नेताओं ने पल्ला झाड़ने का काम शुरू कर दिया. कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों द्वारा निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगहों पर किसान उग्र हो गए हैं. आईटीओ और टिकरी बॉर्डर पर किसान बेकाबू हो गए, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है और आंसू गैस के गोले दागे गए हैं. किसान लाल किले परिसर तक में घुस गए और उसकी प्राचीर पर तिरंगा उतारकर निशान साहिब लगा दिया.भाकियू के नेता राकेश टिकैत ने किसानों के उपद्रव को लेकर कहा है कि जिन्होंने भी ये सब किया है, वे सब हमारी नजर में हैं. सब लोग चिन्हित हैं. उन्होंने कहा कि ये जो सब उपद्रव कर रहे हैं, वो पॉलिटिकल पार्टी के लोग हैं.इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से निकाली गई इस परेड में किसानों के उग्र होने को लेकर मोर्चे की तरफ से कहा गया है कि ये सभी किसान हैं. कहा जा रहा है कि किसान मजदूर संघर्ष समिति की तरफ से यह फैसला लिया गया है. वे खुद से फैसले ले रहे हैं.किसान आंदोलन के मीडिया समन्वयक की तरफ से न्यूज18 हिंदी से कहा गया कि ये सभी किसान हैं. हालांकि जिस संगठन की तरफ से किसान यह उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं वह पंजाब की यूनियन का पार्ट नहीं है. हालांकि यह समिति संयुक्त किसान मोर्चे का पार्ट है. ये खुद से फैसले ले रहे हैं. हम हालात संभालने की कोशिश में लगे हुए हैं.उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुछ समूह पुलिस के अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली में दाखिल हो गए. अभी किसान आईटीओ से आगे निकल गए हैं और लाल किले तक पहुंच गए हैं. किसान यहां कई दिनों से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार सुरक्षा कर्मियों ने किसानों को समझाने की कोशिश भी की और कहा कि राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के खत्म होने के बाद उन्हें दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने की अनुमति दी गई है. अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन किसानों के कुछ समूह माने नहीं और पुलिस के अवरोधक तोड़कर आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ गए.’