गुरू रहमान विद्यावाचस्पति मानद उपाधि से सम्मानित.गुरू रहमान नाम से मशहूर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करानेवाले जानेमाने शिक्षक डॉ. एम. रहमान को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान थावे विद्यापीठ के द्वारा दिया गया है। थावे विद्यापीठ के कुलपति डॉ. शिव नारायण और हिन्दु न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ने अपने हाथों से यह सम्मान डॉ. रहमान को दिया। विद्याचस्पति सम्मान मानद उपाधि है जो पीएचडी के समकक्ष होता है। गुरू रहमान को यह सम्मान हिन्दी सेवा, शैक्षिक प्रदेशों, शोधकार्य और राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए दिया गया है। सम्मान समारोह बीआईए हॉल में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. पीएस दयालती, विधान पार्षद प्रो. कुमुद वर्मा, आईएएस नीलम चौधरी, समन्वयक सुरेश कुमार, अदम्या अदिति गुरुकुल के निदेशक मुन्ना प्रसाद आदि मौजूद थे। सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए गुरू रहमान ने कहा कि बदलाव का एक मात्र जरिया शिक्षा है। कलम से ही क्रांति लाई जा सकती है। सिर्फ सात-आठ माह में भारत ने कोरोना का टीका विकसित कर लिया। मैंने ट्रायल टीका भी लिया। इससे पता चलता है कि भारत बदल रहा है। गौरतलब है कि विद्याचस्पति सम्मान राष्ट्रपति भवन में दिया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से पटना में ही सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम विद्यापीठ के अधिकारियों ने भी संबोधित किया। डॉ. रहमान ने अपने इस सम्मान को अदम्या अदिति गुरूकुल में पढ़नेवाले बच्चों खासकर गरीब, असहाय, अनाथ व दिव्यांग बच्चों को समर्पित किया।
शशि वर्मा की रिपोर्ट.