केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को देश का बजट 2021पेश करने जा रही हैं. उम्मीद की जा रही है कि यह बजट असल में जनता के लिए फायदेमंद होगा. खास बात है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) को काफी नुकसान हुआ था. ऐसे में इस बजट का मकसद देश को एक बार फिर आर्थिक मोर्चे पर मजबूत करना है. आइए समझते हैं कि बजट के कौन से बड़े पहलू हैं, जो बताएंगे कि यह आर्थिक चर्चा जनता के लिए है.उद्योग जगत को देंगी राहत. देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से उड्डयन, पर्यटन, खाद्य और पेय जैसे कई उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. इस दौरान इन इंडस्ट्रीज में मांग की एकदम कमी आ गई थी. हालांकि, इन क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र इनके 8 ईयर लॉस कैरी फॉर्वर्ड विंडो को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकता है.कॉर्पोरेट टैक्स राहत.महामारी से पहले कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स को 22 फीसदी और मैन्युफेक्चरिंग कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कर दिया गया था. ऐसे में कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए किसी भी तरह की टैक्स में छूट मिलने की संभावनाएं कम हैं. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान इन कंपनियों को हुए नुकसान से उबरने में मदद के लिए निवेश आधारित राहत और ढील दी जा सकती हैं. इसके जरिए कंपनियों को बीते साल हुए नुकसान को एडजस्ट करने में मदद मिलेगी.डिविडेंड इनकम2020 के बजट में लाभांश वितरण कर को खत्म कर दिया गया था. कर लगाने वाली इस व्यवस्था के कारण रेसिडेंट्स और एनआरआई के लाभांश की कमाई पर दिए गए आयकर में असमानता नजर आ रही थी.आर एंडी डी के लिए टैक्स राहत.कोविड-19 के कारण देश के प्राइवेट सेक्टर ने रिसर्च और डेवलपमेंट पर काफी खर्च किया है. ऐसे में सरकार साइंटिफिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट में बड़ी राहत देने पर विचार कर सकती है.रियल एस्टेट पहले से ही धीमा प्रदर्शन कर रहे एस्टेट में महामारी और लॉकडाउन की वजह से काफी नुकसान हुआ था. प्रॉपर्टी की कीमतें काफी तेजी से गिरी थीं. जबकि, इन संपत्तियों की स्टांप ड्यूटी/सर्कल रेट्स जस के तस रहे थे. ऐसे में भले ही प्रॉपर्टी कम कीमत पर बेची जाएं, लेकिन बिक्री पूरी होने पर टैक्स स्टांप ड्यूटी के आधार पर तय होता है.
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट