तृणमूल के प्रवक्ता सह विधायक जितेन्द्र तिवारी ने बुधवार को उषाग्राम स्थित अग्निकन्या भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए तृणमूल छोड़ कर भाजपा में शामिल हो रहे मंत्रियों और विधायकों पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि बंगाल किसी की निजी संपत्ति नहीं है कि कोई भी उसे उठा कर उसे सौंप देगा, जिन्हें राष्ट्रीय गीत तक गाना नहीं आता। यह बंगाल रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरूल, ईश्वरचन्द विद्यासागर तथा खुदीराम बोस का बंगाल है। आनेवाले विधानसभा चुनाव में आम जनता इन मनीषियों और बांग्ला संस्कृति को अपमानित करनेवालों को कड़ी सजा देगी। उन्होंने कहा कि कुछ नेता ऐसा बयान दे रहे हैं, जैसे पूरा राज्य उनका है और वे उसे भाजपा को उठा कर दे देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा को सिर्फ चुनाव दिख रहा है। यही कारण है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सिर्फ बंगाल के ग्रामीण किसान के घर में खाना खाने का नाटक करते हैं। यदि उनको किसानों से लगाव होता तो वे बिहार या उत्तर प्रदेश के किसी किसान के घर खाना क्यों नहीं खाते? दरअसल वे बंगाल में चुनावी वैतरणी पार करने के लिए नाटक कर रहे हैं। चुनाव समाप्त होते ही बंगाल से उनका संपर्क समाप्त हो जायेगा। श्री तिवारी ने कहा कि हावड़ा में भाजपा की सभा में दर्जनों राष्ट्रीय स्तर के नेता मौजूद थे। लेकिन शर्मनाक बात रही कि वे राष्ट्रीय गीत सही-सही नहीं गा सके। इनसे उनकी वैचारिक दरिद्रता दिखती है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय जवान, जय किसान तथा जय विज्ञान का नारा दिया। लेकिन केंद्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इस नारे से किसान को ही गायब कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीन कानूनों के खिलाफ लाखों किसान आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार इन किसानविरोधी कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी सरकार के फैसले गलत हो जाते हैं। उन्हें वापस लेने का साहस सरकार में होना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार में वे लोग काबिज हैं जो अपनी गलती मानने के बजाय उसे सही ठहराने के लिए हर गलत कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में मृत युवक तथा आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकवादी और देशद्रोही बताया जा रहा है। जबकि जांच में पता चला है कि मृत युवक के प्रपौत्र ने सात धार्मिक पुस्तकें लिखी है और सभी में आतंकवाद का विरोध किया है। जिसके रक्त में ही आतंकवाद का विरोध है, वह आतंकी कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन से निपटने में केंद्र सरकार की ज्यादतियों के बारे में तृणमूल सरकार तथा पार्टी पूरी जनता और किसानों को जागरूक कर रही है। पार्टी किसानों के आंदोलन के साथ है।
पिंटू भारती की रिपोर्ट.