केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए तीन नए कृषि कानूनों काअमेरिका ने स्वागत किया है. इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है-विरोध प्रदर्शनों को भारत के लोकतांत्रिक चरित्र के रूप में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संज्ञान लिया है. ये महत्वपूर्ण है कि ऐसे बयानों को संदर्भ के हिसाब से और संपूर्णता में समझा जाए.इससे पहले भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका यह मानता है कि शांतिपूर्ण विरोध किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है. मतभेदों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारत के बाजारों की स्थिति में सुधार करेंगे.समाचार के अनुसार डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका शांतिपूर्ण विरोध को लोकतंत्र की पहचान मानता है. भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है. हम मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने को प्रोत्साहित करते हैं. प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारत के बाजारों की स्थिति में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे.अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट्स के बाद मचा बवाल.गौरतलब है कि अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना और पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट के बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया था. मंत्रालय की तरफ से साफ किया गया था कि किसी भी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के पहले उसकी पूरी समझ जरूरी है. बयान में किसानों के साथ सरकार की कई राउंड की बातचीत समेत अन्य प्रयासों का जिक्र भी किया गया था.
निखिल भारद्वाज की रिपोर्ट.