राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके की जांच जारी है. इजरायली दूतावास ब्लास्ट मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी के साथ इजराइल खुफिया एजेंसी मोसाद की टीम भी करेगी. बुधवार को मोसाद की एक टीम ने एनआईए के जांच अधिकारियों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात से ये तय हो गया है कि भारत के साथ अब मोसाद की टीम मिलकर इस जांच को आगे बढ़ाएगी.खबर है कि इजरायली दूतावास के पास से धमाके के बाद एनआईए की टीम को जांच में सबूत मिले हैं उसे मोसाद की टीम से साझा किया गया है. शुरुआती जांच में इस हमले के पीछे ईरान का हाथ होना बताया जा रहा है. इजारयल केदूतावास के नाम से लिखा एक नोट भी घटनास्थल पर पाया गया था. सूत्रों के मुताबिक इस नोट में धमकी दी गई थी और कहा गया था कि यह ट्रेलर है. सूत्रों के अनुसार विस्फोट का लिंक ईरान से जुड़ रहा है. इजरायल पहले ही इसे आतंकवादी हमला करार दे चुका है. भारत सरकार भी इस मामले में गंभीर नज़र आ रही है.एनआईए की मदद के लिए मोसाद की टीम खासतौर पर तेल अवीव से राजधानी दिल्ली पहुंची है. रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि इजराइल दूतावास के बाहर हुए कम तीव्रता वाले आईडी विस्फोट का उस संदिग्ध पैकेट से कोई लेना-देना नहीं है जो उसी दिन पेरिस में इजराइल दूतावास के बाहर बरामद हुआ था. जांच एजेंसी को ऐसा कोई गवाह अभी तक नहीं मिला है जिसने किसी को दूतावास के बाहर सड़क पर आईईडी रखते हुए देखा हो. यहां तक की इस इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज से भी अभी तक कोई खास सुराग हाथ नहीं लगा है.मोसाद को इजरायल की किलिंग मशीन कहा जाता है.इजरायल चारों ओर से 13 मुस्लिम देशों से घिरा है, जो उससे चिढ़े रहते हैं. ऐसे में छोटे से इस देश को जिंदा रहने के लिए ही काफी जतन करना होता है. खुफिया एजेंसी मोसाद भी इन्हीं में से एक है. ये इतनी ताकतवार है कि इसे इजरायल की किलिंग मशीन तक कहा जाता है. चारों ओर दुश्मनों से घिरे इस देश की ये एजेंसी अपनी तेजी और खतरनाक ऑपरेशन की वजह से दुनिया की सबसे तेज इंटेलिजेंस भी कही जाती है. इसका मुख्यालय तेल अवीव शहर में है.
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट.